पटना. ललित नारायण मिश्र इंस्टिट्यूट ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड सोशल चेंज, पटना अपनी जगह बना रहेगा. बेली रोड स्थित इस संस्थान को कहीं स्थानांतरण करने की याचिका पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि बिहार के सबसे प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक इस संस्थान को अपने मौजूदा कैंपस से बेदखल नहीं किया जायेगा. इस संस्थान के कैंपस को पटना उच्च न्यायालय को सौंपने की याचिका दायर की गयी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है.
हाइकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि जब तक कि सरकार कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेती, तब तक उच्च न्यायालय का विस्तार उसके आसपास के संस्थानों को हटाकर से नहीं हो सकता है. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवम न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद ने हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रियंका सिंह द्वारा हाईकोर्ट के विस्तार को लेकर दायर किये गये लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट के बगल में एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट के जमीन को अगर हाई कोर्ट को स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इससे हाईकोर्ट का विस्तार होगा. सरकार को यह निर्देश दिया जाए की वह एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट के जमीन को हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने का निर्देश दे.
दूसरी ओर एलएन मिश्र इंस्टिट्यूट की ओर से अधिवक्ता आरके शुक्ला एवम अधिवक्ता ऋतुराज शुक्ला ने लोकहित याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह संस्थान व्यवसाय प्रबंधन और कंप्यूटर विज्ञान में शिक्षा प्रदान करने वाला बिहार का एक प्रमुख संस्थान है. संस्थान द्वारा वर्ष 1982 में पट्टे के माध्यम से इस भूमि को प्राप्त किया गया था.1987 में बिहार सरकार ने इस निजी शिक्षा संस्थान को अधिग्रहित कर लिया. भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ने 1983 में इसके भवन का उद्घाटन किया था. इस संस्थान में मुख्यमंत्री पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं, जो एक प्रबंध समिति के तहत चलाया जाता है.