गंगा में तैरती लाशों के कारण पटना सहित गंगा किनारे के शहरों में मछली की बिक्री कम हो गई है, जिससे वहां के मछुआरों की परेशान बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि मछुआरे पहले ही लॉकडाउन की वजह से अपनी मछली नहीं बेच पाते थे, लेकिन अब गंगा में जिस तरह से शव तैर रहे हैं, उससे आम लोगों ने मछली खाना छोड़ दिया है.
जानकारी के अनुसार राजधानी पटना, आरा, बेगूसराय, बक्सर और भागलपुर इलाकों में मछली की बिक्री पहले की तुलना में कम हो गई है. राज्य में मछली की बिक्री कम होने से मछुआरों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. बता दें कि पिछले दिनों बक्सर में गंगा किनारे सैकड़ों लाशें तैरती मिली थी.
बिहार: जब से गंगा नदी में शव मिले हैं तब से पटना में नदी से लाई गई मछली की बिक्री कम हो गई है।
एक मछुआरे ने कहा, ''हमारा बहुत नुकसान हो रहा है। सरकार से मांग है कि मछली बेचने के लिए जो 2 घंटे का समय मिलता है उसे बढ़ाए। जब कोई मछली नहीं लेता है तो उसे वापस नदी में डाल देते हैं।'' pic.twitter.com/flEk5bN3r9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2021
लॉकडाउन का भी असर– पटना के गंगा किनारे पर मौजूद मछुआरों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि लॉकडाउन की वजह से हम सिर्फ दो घंटा ही दुकान खोल पा रहे हैं, जिस वजह से मछली नहीं बिकता है. सरकार को इसपर तुरंत एक्शन लेना चाहिए. बता दें कि बिहार में कोरोना महामारी की वजह से 25 मई तक लॉकडाउन है.
यूपी और बंगाल पर भी असर- कोरोना काल में गंगा नदी में तैरती मिली लाशों के ढेर का असर यूपी और बंगाल पर भी पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि इन जगहों पर भी मछली बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यूपी के उन्नाव, वाराणसी, इलाहाबाद और बंगाल के रायगंज सहित कई जिले गंगा से कनेक्ट हैं.
Posted By : Avinish Kumar Mishra