बिहार में खाने वाले तेल के दामों में भी आग लगी है. महज चार दिनों में 15 रुपये सरसों का तेल महंगा हो गया है. दिसंबर-20 के बाद से ही तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. पहली बार सरसों का तेल 185 रुपये लीटर पहुंच गया है, जबकि रिफाइंड भी 166 से 170 रुपये के बीच बिक रहा है. वहीं दूसरी तरफ अरहर और मसूर दाल की कीमत भी 20 फीसदी तक बढ़ गयी है. आमतौर पर 80 रुपये किलो बिकने वाला डालडा भी 160 रुपये में मिल रहा है.
रिफाइंड और सरसों के तेल के दाम बार-बार दाम बढ़ने से बहुतों से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है. अभी ये तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है. आने वाले समय में रिफाइंड और सरसों तेल के दामों में और तेजी की आशंका जतायी जा रही है. बीते एक माह में रिफाइंड के दामों में 25 रुपये लीटर की तेजी आयी है. इसी तरह सरसों के तेल के दाम भी 40 रुपये तक बढ़ गये हैं. जनता सिनेमा रोड निवासी सोनी देवी ने बताया कि महंगाई से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है.
सब्जी का दाम कम होता है तो फल, तेल, डालडा, दाल के दाम बढ़ जाते हैं. अधिवक्ता नगर की निवासी सारिका ने बताया कि कोरोना को लेकर लॉकडाउन की वजह से एक तरफ काम-धंधा बंद है, तो दूसरी तरफ महंगाई बढ़ती जा रही है. यही हाल रहा, तो घर चलाना मुश्किल हो जायेगा. आमदनी कम हो गयी और महंगाई बढ़ती जा रही है.
साल भर में 70 फीसदी तक बढ़ी कीमत– थोक कारोबारी संजय के मुताबिक पाम आयल का खुदरा मूल्य 51.54 फीसदी बढ़कर 132.6 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जो पहले 87.5 रुपये प्रति किलोग्राम था, सोया तेल का दाम 50 फीसदी बढ़कर 158 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया जो पहले 105 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि सरसों का तेल 49 फीसदी बढ़कर 163.5 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया जो पहले 110 रुपये प्रति किलोग्राम पर था. किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने से कंपनियां भी मनमाना कीमत वसूल रही हैं.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra