पटना. गर्मी की छुट्टियां दूसरे राज्यों में जाकर इंजॉय करने की चाह रखने वाले लोगों में एक बार फिर से मायूसी छा गयी है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण घूमने जाने वाले 90% से अधिक पर्यटकों ने पिछले एक महीने में अपनी बुकिंग रद्द करा दी है. इससे टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री के सामने संकट खड़ा हो गया है.
देश के अलग-अलग हिस्सों में संक्रमण के फैलाव को कम करने के उद्देश्य से लॉकडाउन भी लगा दिया गया है. इसके अलावा जिन राज्यों में लॉकडाउन नहीं भी है, वहां भी बड़े होटल में रूकने के लिये कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट का होना जरूरी है.
ऐसे में लोग कहीं भी जाने से परहेज कर रहे हैं. फाइव स्टार होटल से लेकर बजट होटल के रेट में 50 से 70% तक कम करने के बाद भी आधे से ज्यादा कमरा खाली पड़े हैं.
लोगों ने दिसंबर-जनवरी में जो बुकिंग करायी थी, उसे अब रद्द कराने लगे हैं. पीक सीजन में टूरिज्म इंडस्ट्री पर संकट के बादल खड़े हो गये हैं. बिहार टूररिज्म एसोसिएशन के सेक्रेटरी व यूनाइडेट टूर एंड ट्रैवल एजेंसी के ऑनर अमित पांडेय बताते हैं कि पिछले साल की तरह ही इस साल भी टूर एंड ट्रैवल से जुड़े लोगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.
लोगों ने अंडमान निकोबार, केरल, बेंगलुरू, मैसूर, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, सिक्किम सहित अन्य पयर्टन स्थलों पर जाने के लिए बुकिंग करायी थी. लेकिन, 90% से अधिक लोगों ने अब रद्द करा लिया है.
वैशाली हॉलीडे टूर एंड ट्रैवल कंपनी के ऑनर ज्ञानेंद्र सिंह कहते हैं कि इस बार ज्यादा परेशानी इस बात को लेकर हो रही है कि जिन होटलों को हमने एंडवास पैसे दिये हैं, वह कस्टमर को बुकिंग शिफ्ट कराने की बात कह रहे हैं. जबकि कस्टमर्स पैसा वापस मांग रहे हैं.
टूरिज्म से जुड़े ज्यादातर कारोबारियों का कहना है कि इस सीजन में उनका काम पूरी तरह ठप पड़ा है. कोरोना संक्रमण की वजह से स्टाफ को भी सैलरी देना मुश्किल हो रहा है. बिहार टूरिज्म एसोसिएशन के सेक्रेटरी अमित पांडेय ने बताया की कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के मुताबिक पूरी टूरिज्म इंडस्ट्री को कोरोना से करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि शायद अगस्त तक बिजनेस पटरी पर आ जाये. पुषण टूर एंड ट्रैवल्स के ऑनर राकेश कुमार ने कहा कि जीएसटी में भी छूट मिलना चाहिये तभी हालत सुधरेगी. इसके साथ ही लेट फाइन को भी माफ कर देना चाहिए. पिछले साल भी आर्थिक संकट झेलना पड़ा था.
Posted by Ashish Jha