पटना. कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन उल्लंघन के दर्ज मामलों को राज्य सरकार वापस ले सकती है. शुक्रवार को विधान परिषद में गैर सरकारी संकल्प पर बहस के दौरान गृह मामलों के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने यह जानकारी दी.
आदित्य नारायण पांडेय ने विधान परिषद में गैरसरकारी संकल्प के माध्यम से प्रस्ताव लाया था कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के केंद्र एवं राज्य के निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर हुए मुकदमों को वापस ले. इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस संबंध में विधि विभाग और सभी जिलों के डीएम से पत्राचार किया गया है. यह मामला गृह विभाग में विचाराधीन है. मंत्री के आश्वासन के बाद विप सदस्य ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया.
वहीं, बगहा पुलिस जिले को राजस्व जिला बनाने जाने के प्रस्ताव पर मंत्री ने कहा कि जिलों के पुनर्गठन को लेकर उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों की कमेटी बनी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संकल्प के अनुसार, 31 मार्च, 2021 तक किसी भी जिले का पुनर्गठन नहीं किया जायेगा. यह प्रस्ताव भी वापस लिया गया. आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत लाॅकडउन उल्लंघन का मामला दर्ज है.
विप सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों द्वारा विद्यालयों में प्रभारी की नियुक्ति, शिक्षकों एवं कर्मचारी के प्रतिनियोजन, स्थानांतरण संबंधित अन्य मामलों में गंभीर अनियमितता को लेकर स्पष्ट वक्तव्य की मांग की. जवाब में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस तरह के मामलों पर एक माह के भीतर कार्रवाई की जायेगी. जो पदाधिकारी सुबह के आदेश को शाम में पलट देते हैं.
वैसे पदाधिकारियों के आदेश की प्रति लगातार विभाग को दिया जाये. इस पर भी विभाग तत्काल कार्रवाई करेगा. वहीं, विप के सदस्य वीरेंद्र यादव द्वारा लाये गये गये गैर सरकारी संकल्प के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब तक 19 जिलों में पुस्तकालय व अध्ययन केंद्र खोलने का काम किया जा रहा है. इस पर आगे भी कार्रवाई होगी.
Posted by Ashish Jha