ठाकुर शक्तिलोचन: भागलपुर में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. इस बार बिहार में सियासी समीकरण बदल चुका है. जदयू और भाजपा अब एक दूसरे के लिए विरोधी पार्टी बन चुकी है. जिसके बाद अब इस सीट पर भाजपा भी जीत के लिए हर प्रयास करेगी. भागलपुर हमेसा हॉट सीट बनकर रहा है. वहीं अब राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से लेकर शीर्ष नेताओं व आम लोगों के बीच बीजेपी से उम्मीदवारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है.
भागलपुर में भाजपा किस उम्मीदवार पर दांव खेलेगी. यह सवाल अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. सभी अपने-अपने विश्वसनीय सूत्रों से यह जानने के प्रयास में लगे दिखते हैं कि आखिर इसबार भागलपुर में भाजपा उम्मीदवार कौन होगा. भागलपुर से पटना और दिल्ली तक इसकी केवल चर्चा ही नहीं बल्कि उम्मीदवारी के लिए कई नेता भी प्रयास में लगे हुए हैं कि इसबार उनकी दावेदारी तय हो जाए. फोन की घंटियां बजाने और मुलाकातों का दौर शुरू हो चुका है.
लोगों के बीच अभी पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन की चर्चा तेज है. दरअसल, शाहनवाज भागलपुर के सांसद रह चुके हैं और अंतिम बार वो यहीं से चुनाव लड़े. हालाकि राजद उम्मीदवार से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2019 में उन्हें निराशा हाथ लगी जब NDA में ये सीट जदयू की झोली में चली गयी. हालाकि बिहार की राजनीति में उन्हें MLC व मंत्री बनाकर फिर से सक्रिय किया गया था. अब शाहनवाज समर्थक फिर से घरवापसी की उम्मीद लिए उनकी उम्मीदवारी की भी ताल ठोकते दिख रहे हैं. शाहनवाज हुसैन लगातार भागलपुर दौरे पर आते रहे हैं.
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इस बीच एक नाम अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का भी लोगों के बीच चर्चे में बना हुआ है. बता दें कि सुशील मोदी भी भागलपुर के सांसद रह चुके हैं. उनके समर्थक आज भी भागलपुर में सक्रिय हैं और सुशील मोदी कार्यकर्ताओं से भी बातचीत करते रहते हैं. पटना में भी उनके समर्थकों और कुछ बेहद करीबियों का कहना है कि इस बार भागलपुर से बात बन सकती है. इस ओर प्रयास किया जा रहा है. मजबूत सूत्र बताते हैं कि इस बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता. इस दावे में दम दिखता है कि यहां सुगबुगाहट तेज है.
वहीं भाजपा से जुड़े कुछ विधायक, MLC और अन्य नेता खुद तो उनके समर्थक भी इस बात को लेकर लोगों को आश्वस्त करते दिखते हैं कि इस बार तो उनका तय है. कोई ये भी कहते दिखते हैं कि पार्टी के बड़े नेता उनके लिए लगे हुए हैं. हालाकि दावों में कितना दम है ये फिलहाल आने वाले समय व खुद उनके ही ऊपर छोड़ दिया जाए. वहीं क्या भाजपा इन तमाम दावेदारों से अलग किसी को मैदान में उतारने का फैसला लेगी, ये भी आने वाला समय ही तय करेगा.
इधर, जदयू के अजय मंडल वर्तमान में भागलपुर के सांसद हैं. कुछ लोग ऐसा भी अनुमान लगा रहे हैं कि कहीं अजय मंडल भाजपा में तो शामिल होने की कोशिश में नहीं हैं. लेकिन जदयू व नीतीश कुमार के प्रति उनके झुकाव को देखकर फिलहाल ऐसा कुछ संकेत नहीं मिल रहा. बाकी सियासत में कुछ भी तय नहीं पर फिलहाल ये अनुमान शायद जल्दबाजी होगी. महागठबंधन की ओर से उनकी उम्मीदवारी औरों से जरूर मजबूत दिखती है. जबकि पूर्व सांसद बुलो मंडल के लिए भी ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं कि वो राजद से अब भाजपा में जाने की सोच सकते हैं. लेकिन फिलहाल यहां भी ऐसा कोई मजबूत संकेत सामने नहीं आया है.
बताते चलें कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू जरूर कर दी है. लेकिन अभी उम्मीदवारी को लेकर कोई मजबूत गतिविधि नहीं देखी गयी है. फिलहाल बीजेपी ग्राउंड हकीकत पता करने में भी लगी है. वहीं भागलपुर में भाजपा के अंदर गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है जिसका नुकसान भाजपा को कई बार भुगतना पड़ा है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी कोई गलती नहीं करना चाहेगी. इस सीट को वो हर हाल में जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देगी.