सीतामढ़ी लोकसभा सीट को लेकर इंडिया गठबंधन के भीतर उथल- पुथल मची है. सीतामढ़ी के मौजूदा जदयू सांसद के बागी तेवर के बाद उनका टिकट कटना तय माना जा रहा, वहीं विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने अपनी उम्मीदवारी की चर्चा सार्वजनिक तौर पर कर यहां से टिकट के दूसरे दावेदारों की नींद उड़ा दी है.
देवेश चंद्र ठाकुर इसी इलाके से आते हैं और फिलहाल जदयू से विधान परिषद के सदस्य हैं. दूसरी ओर ,उनकी ही पार्टी के दर्जन भर नेता सीतामढ़ी सीट से किसी पिछड़ा नेता को उम्मीदवार बनाने की वकालत कर रहे हैं. इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल राजद की भी सीतामढ़ी की सीट पर नजर है. पिछले कई चुनावों में राजद यहां मुख्य मुकाबले में रहा है.
सीतामढ़ी का तीसरा कोण एनडीए से उभर रहा है. भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सूची में भी सीतामढ़ी की सीट प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है. सीतामढ़ी में यदि भाजपा लड़ी, तो यहां केंद्र सरकार के एक मौजूदा मंत्री को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है. दूसरी ओर, 2014 की तरह एनडीए में आये उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की भी सीतामढ़ी पर नजर है. 2014 के आम चुनाव में सीतामढ़ी सीट से एनडीए के भीतर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के उम्मीदवार रामकुमार शर्मा चुनाव मैदान में आये थे. श्री शर्मा को यहां से जीत भी हासिल हुई थी.
सबके अपने अपने तर्क सीतामढ़ी लोकसभा सीट के सभी दावेदार पार्टियों के नेता जीत के लिए अपने- अपने तर्क गढ़ रहे हैं. देवेश चंद्र ठाकुर लगातार इलाके में मतदाताओं से संपर्क में हैं. वहीं , जदयू के ही दूसरे नेताओं ने पटना में कैंप कर बड़े नेताओं को यह बताने की कोशिश की है कि वहां की सामाजिक बुनावट पिछड़ों के करीब है. जदयू के इस गुट का तर्क है कि पिछले आठ-नौ लोकसभा के आम चुनावों में पहले और दूसरे नंबर पर पिछड़ी जाति के उम्मीदवार ही रहे हैं, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां जदयू-राजद के इतर भाजपा समर्थित उम्मीदवार रामकुमार शर्मा की जीत हुई थी.
पहली बार आचार्य जेबी कृपलानी बने थे सीतामढ़ी के सांसद सीतामढ़ी लोकसभा का अस्तित्व पहली बार 1957 के आम चुनाव में दिखा था. इस चुनाव में आचार्य जेबी कृपलानी प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी पीएसपी से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. बाद के दिनों से यहां से बलिराम भगत और हुकुमदेव नारायण यादव,नवल किशोर राय, सीताराम यादव एवं अर्जुन राय भी सांसद निर्वाचित हुए.
चुनाव- जीते- पार्टी- दूसरे नंबर पर रहे-पार्टी
2019- सुनील पिंटू- जदयू- अर्जुन राय-राजद
2014-रामकुमार शर्मा- बीएलएसपी- सीताराम यादव-राजद
2009-अर्जुन राय- जदयू समीर महासेठ-कांग्रेस
2004- सीताराम यादव- राजद नवल किशोर राय-जदयू
1999- नवल किशोर राय- जदयू सूर्यदेव राय-राजद
1998-सीताराम यादव- राजद नवल किशोर राय-जद
1996- नवल किशाेर राय- जदयू अनवारूल हक-कांग्रेस
1991-नवल किशोर राय जदयू रामवृक्ष चौधरी-कांग्रेस
1989-हुकुमदेव यादव- जदयू एनपी यादव-कांग्रेस
1984-रामश्रेष्ठ खिरहर- कांग्रेस इंदल सिंह नवीन-लोकदल
1980- बलिराम भगत- कांग्रेस यू एसएसपीएन सिन्हा-कांग्रेस आइ