राजेश कुमार ओझा
लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha chunav 2024) से पहले बिहार के हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर चाचा भतीजा के बीच रार छिड़ गया है. चाचा -भतीजा यानी राष्ट्रीय लोजपा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान. दरअसल, यह सीट रामविलास पासवान का परंपरागत सीट रहा है. लेकिन, अपने अन्तिम समय में रामविलास पासवान ने इस सीट पर अपने भाई पशुपति पारस को यहां से प्रत्याशी बनाया था. वे इस सीट से चुनाव भी जीते और केंद्र में रामविलास पासवान के निधन के बाद मंत्री भी बन गए. लेकिन, अब इस सीट पर चिराग पासवान दावा कर रहे हैं. चिराग पासवान ने तो अपनी मां रीना पासवान को इस सीट से चुनाव लड़वाने की घोषणा भी कर चुके हैं. बहरहाल इस सीट को लेकर एनडीए के दोनों घटक दल अब हाजीपुर सीट को लेकर आमने-सामने हैं.
चिराग की घोषणा के बाद पशुपति पारस ने पलटवार करते हुए कहा कि हाजीपुर में चिराग अगर अपना प्रत्याशी खड़ा करते हैं तो हम भी जमुई में अपना प्रत्याशी खड़ा करेंगे. आपको बता दें पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से सांसद हैं, वहीं चिराग जमुई से सांसद हैं.पशुपति पारस ने कहा कि एनडीए गठबंधन के हम स्थाई सदस्य हैं और विश्वासी सहयोगी हैं. कोई आदमी अभी आकर हुलूक- हुलूक करता है. वो (चिराग पासवान) कल एनडीए में रहेगा या नहीं, इसकी क्या गारंटी है ? बताते चलें कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो धड़ों में बंट गई है. एक गुट का नेतृत्व पशुपति पारस कर रहे तो दूसरे धड़े का नेतृत्व चिराग पासवान के हाथ में है. दोनों ही फिलहाल एनडीए के पार्टनर हैं. मगर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस हाजीपुर सीट को लेकर आमने-सामने आ गए हैं.
हाजीपुर से चुनाव लड़ने के सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि यह (हाजीपुर) हमारी धरती है. हाजीपुर से सांसद हैं और हम हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे. यह मैं दर्जनों बार कह चुका हूं. इसके बाद जिसको ताकत आजमाइश करना है करें. चिराग पासवान की ओर से हाजीपुर से अपनी मां रीना पासवान को उम्मीदवार बनाने की घोषणा के बाद पशुपति पारस ने ये बात कही. फिलहाल चाचा-भतीजे के बीच हाजीपुर को लेकर जुबानी जंग तेज है. देखना यह होगा कि इसका चुनाव पर क्या असर पड़ेगा. उधर बीजेपी अभी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. गठबंधन की बड़ी पार्टी होने के चलते उसका इस सियासी घटनाक्रम पर क्या निर्णय होगा ये भी अहम रहेगा.