लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस विधायक की मांग Rahul नहीं Nitish की अगुवाई में लड़ना चाहिए ये चुनाव
कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा कि 2024 का लोकसभा का चुनाव बिहार मॉडल पर लड़ा जाना चाहिए. यह चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ना चाहिए. तभी हम लोग बीजेपी को हरा सकते हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 राहुल गांधी नहीं नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ना चाहिए. कांग्रेस विधायक नीतू सिंह की इस मांग के बाद बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. एक प्राइवेट न्यूज चैनल के साथ बातचीत करते हुए नीतू सिंह ने कहा कि पूरे देश में जैसे बीजेपी ने गुजरात मॉडल पर चुनाव लड़ा था. उसी प्रकार से 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार मॉडल पर लड़ा जाना चाहिए. यह चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ना चाहिए. तभी हम लोग बीजेपी को हरा सकते हैं. कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने आगे कहा कि कांग्रेस को अब बड़ा दिल दिखाना चाहिए. कांग्रेस ने इससे पहले भी ऐसा कर चुकी है. इसलिए उसे एक बार और ऐसा करना चाहिए.
कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पांच राज्यों में जो चुनाव हुआ वहां पर कांग्रेस से चुक हुई. इंडिया महागठबंधन के गठन के बाद जब यह तय हो गया था कि सभी को मिलकर चुनाव लड़ना है तो फिर कांग्रेस को पांच राज्यों में अकेले चुनाव नहीं लड़ना चाहिए था. यह कांग्रेस की रणनीति में एक बड़ी चुक हुई है. नीतू सिंह ने मध्यप्रदेश चुनाव में कांग्रेस की हार की चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी को वहां पर छोटे छोटे दलों को अपने साथ मिलाना चाहिए था. लेकिन अति आत्म विश्वास में कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया. जिसके कारण कांग्रेस की हार हुई.
कांग्रेस विधायक नीतू सिंह के बयान पर कांग्रेस में सियासी संग्राम शुरु हो गया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने नीतू सिंह के बयान पर कहा कि वे किसी हैसियत से यह सब कुछ बोल रही है. मेरी समझ में नहीं आ रहा है.
बताते चलें कि इससे पहले जदयू ने इस मामले पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर चुकी है. बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेताओं– विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी ने कहां कि जदयू ने कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन में ‘बड़े भाई’ के रूप में स्वीकार किया है. कांग्रेस को भी एक बड़ा दिल ‘दिखाने’ के लिए कहा.जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा-अगर तीनों राज्यों में कांग्रेस ने गठबंधन के सभी दलों को साथ ले लिया होता, तो भाजपा हार गई होती. अशोक चौधरी ने कहा-अगर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे नेताओं को प्रचार के लिए आमंत्रित किया गया होता, तो इससे कांग्रेस की संभावनाएं बढ़ जातीं. समाजवादी पार्टी को देखें, जो कि हमारी सहयोगी पार्टी है जिसने मध्य प्रदेश और राजस्थान में इतने सारे उम्मीदवार उतारे थे.
इन नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनावों में ‘वह कांग्रेस ही है जिसे सबसे बड़ा झटका लगा है’ जब भी ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक होगी तो इसपर विचार किया जाएगा. जदयू के इन दोनों नेताओं से जब यह पूछा गया कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा कुमार को अपना चेहरा घोषित किया जाना चाहिए, विजय चौधरी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि गठबंधन का अस्तित्व नीतीश कुमार के अथक प्रयासों के कारण है.