लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में NDA के सीट शेयरिंग का पैटर्न लगभग तय, इतनी सीटों पर अकेले उतरने की तैयारी में BJP

2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में उतरने वाली एनडीए का स्वरूप इसी महीने तय हो सकता है. विपक्ष की बैठक के बाद 23 को जेपी नड्डा या 29 को अमित शाह की बिहार में होने वाली जनसभाओं में एनडीए का नया स्वरूप दिख सकता है

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2023 4:09 AM

सुमित कुमार, पटना. भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सीट शेयरिंग का पैटर्न लगभग तैयार कर लिया है. पार्टी 30 लोकसभा सीटों पर खुद अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि 10 अन्य सीटों पर उसके सहयोगी यानी एनडीए में शामिल दलों के उम्मीदवार होंगे. हाल में नयी दिल्ली में हुई बिहार भाजपा की कोर कमेटी बैठक में इस मुद्दे पर गहन मंथन के बाद सहमति बनी है. बैठक में बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े भी मौजूद थे.

अभी सिर्फ एक साथी, चार नये जुड़ने के आसार

बिहार में भाजपा के सहयोगी दल के रूप में वर्तमान में आधिकारिक रूप से एकमात्र राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) है. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस केंद्र में मंत्री हैं. इनके अलावा चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल (रालोजद) और मुकेश सहनी की वीआइपी से बातचीत लगभग तय है. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) सेक्युलर से गठबंधन पर बातचीत जारी है.

लोजपा, रालोजपा और रालोजद को तीन-तीन सीट का ऑफर

भाजपा सूत्रों के मुताबिक एनडीए सहयोगियों में लोजपा (रा) और रालोजपा को छह सीटें मिल सकती है. वर्तमान में रालोजपा के पांच और लोजपा रामविलास के एक सहित कुल छह सांसद हैं. दोनों पार्टियों का पुन: विलय होने पर इनको एकमुश्त छह और अलग-अलग रहने पर 4-2 या 3-3 के अनुपात में सीट मिल सकती है. उपेंद्र कुशवाहा की रालोजद को भी दो से तीन सीट का ऑफर है. एक-एक सीट हम और वीआइपी को दी जा सकती है. हालांकि सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला सहयोगी दलों के रुख पर निर्भर करेगा.

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इसी महीने तय हो जायेगा एनडीए का स्वरूप

जानकारी के मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में उतरने वाली एनडीए का स्वरूप इसी महीने तय हो सकता है. एनडीए में शामिल होने और सीट शेयरिंग को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की दो बार अमित शाह से मुलाकात हो चुकी है. पशुपति पारस और चिराग पासवान के अंदरूनी विवाद के चलते रालोजपा और लोजपा (रा) में सीट बंटवारे को थोड़ी खटपट है. मुकेश सहनी ने बिहार सरकार का आवास छोड़ कर और केंद्रीय सुरक्षा स्वीकार कर एनडीए के प्रति झुकाव का स्पष्ट संदेश दे दिया है. बिहार मंत्रिमंडल छोड़ने के बाद जीतन राम मांझी की सोमवार को अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात संभावित है. ऐसे में विपक्ष की बैठक के बाद 23 को जेपी नड्डा या 29 को अमित शाह की बिहार में होने वाली जनसभाओं में एनडीए का नया स्वरूप दिख सकता है

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