लोकसभा 2024 चुनाव अगले साल होना है. लेकिन चुनाव आयोग इसकी तैयारियों में जुट गया है. जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद अब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा 30 सितंबर को सभी जिलाधिकारियों को इवीएम के प्रशिक्षण के लिए राजधानी पटना में बुलाया गया है. इस प्रशिक्षण शिविर में सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, डिप्टी इलेक्शन पदाधिकारी और सभी जिलों के इवीएम के नोडल पदाधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. चुनाव आयोग के एसओपी के तहत इनका प्रशिक्षण दिया जायेगा.
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निर्वाचन विभाग द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में जिलाधिकारियों के साथ अन्य पदाधिकारियों को मुख्य रूप से इवीएम के सुरक्षा मानकों की जानकारी दी जायेगी. साथ ही तकनीकी सुराक्षा की भी जानकारी दी जायेगी. इसके अलावा राज्य के सभी जिलों को आपूर्ति की गयी नयी इवीएम के मॉडल एम-3 की प्रथम स्तरीय जांच कैसे की जायेगी. इसमें कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट के बारे में बताया जायेगा. प्रथम स्तरीय जांच की क्या प्रक्रिया होगी. इस कार्यशाला में भारत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी भी शामिल होंगे.
आयोग इवीएम को लेकर सभी पदाधिकारियों की हर तरह की जानकारी से लैस करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया है. राज्य में एक लाख से अधिक बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवी पैट की आपूर्ति पहले ही जिलों को इसीआइएल द्वारा की जा चुकी है. इसीआइएल द्वारा इस बार पूरी तरह से मॉडल एम-3 की आपूर्ति की गयी जिसका पहली बार लोकसभा चुनाव में प्रयोग किया जायेगा.
प्रशिक्षण के तुरंत बाद राज्य में इवीएम की प्रथम स्तरीय जांच का काम एक अक्तूबर से आरंभ हो जायेगा. पहले चरण में छह जिलों में रखे गये बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की जांच होगी. इनमें पटना , गया, सीतामढ़ी, पूर्णिया, दरभंगा और भागलपुर के भंडारगृहों में रखी गयी इवीएम की प्रथम स्तरीय जांच होगी. पहले चरण में छह जिलों में उपलब्ध इंजीनियरों द्वारा जांच के बाद अन्य जिलों में जांच का काम आरंभ किया जायेगा.