कैलाशपति मिश्र,पटना
Lok sabha Election Bihar: राजनीति की अपनी एक अलग दुनिया है. यहां न कोई अपना है न कोई पराया. सब अपने हिसाब से दल का चयन और राजनीति करते हैं. राजनीति की इस दुनिया में कहीं भाई-भाई के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई हो रही है, तो कहीं चाचा और भतीजा अलग अलग दलों के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं. बिहार में और भी कई ऐसे उदाहरण हैं जहां एक भाई एनडीए गठबंधन की तरफ से चुनाव प्रचार कर रहे हैं, तो दूसरा भाई महागठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में दिन रात एक किये हुए है. बिहार के बाहर तो और भी दिलचस्प कहानी है.
मंत्री सुमित सिंह के भाई अजय प्रताप सिंह राजद प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जुटे
लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार दल-बदल का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में नीतीश सरकार में मंत्री सुमित सिंह के भाई अजय प्रताप सिंह ने राजद का दामन थाम लिया है. अब वे महागठबंधन की प्रत्याशी अर्चना रविदास के लिए वोट मांग रहे हैं और जमुई में चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. उनके भाई नीतीश सरकार में मंत्री सुमित सिंह चिराग की पार्टी के उम्मीदवार अरुण भारती के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं.
अजय भी 2010 में जदयू के टिकट पर जमुई से विधायक रह चुके हैं. 2015 में भाजपा के टिकट से जमुई विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ज्वाइन कर ली और उसके टिकट पर चुनाव लड़े. उस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
मधेपुरा में राजद उम्मीदवार के भाई एनडीए की तरह से कर रहे हैं चुनाव प्रचार
मधेपुरा से फिलहाल जदयू के दिनेश चंद्र यादव सांसद हैं. एनडीए के सीट बंटवारे में इस बार भी मधेपुरा सीट जदयू के खाते में ही गयी है और दिनेश चंद्र यादव ही उम्मीदवार हैं. वहीं, राजद ने प्रो चंद्रदीप को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां दिलचस्प यह है कि प्रो चंद्रदीप के भाई डॉ अमरदीप जदयू में हैं और वे अपने भाई के खिलाफ दिनेश चंद्र यादव के लिए वोट मांग रहे हैं. प्रो चंद्रदीप और डा अमरदीप के पिता स्व रमेद्र कुमार रवि मधेपुरा लोकसभा सीट से कई दफा सांसद रह चुके हैं. इस सीट से बीपी मंडल, लालू प्रसाद और शरद यादव जैसे नेता चुनाव जीत चुके हैं.
पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, पत्नी रंजित रंजन कांग्रेस से सांसद
चुनावी मौसम में परिवार के लोग और रिश्तेदार उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करते दिख रहे हैं. कुछ मुकाबले परिवार के सदस्यों या रिश्तेदारों के बीच ही हो रहे हैं. पूर्व सांसद पप्पू यादव कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय मैदान में हैं. चुनाव जीतने के लिए वे जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. वे खुद स्टार प्रचारक भी हैं और उम्मीदवार भी. उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं. कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में उनका भी नाम है. वे शायद ही पार्टी के विपरीत जाकर अपने पति राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगी. हालांकि पूर्णिया की राजद उम्मीदवार बीमा भारती ने तो यहां तक कहा कि रंजीत रंजन उनके लिए चुनाव प्रचार करेेंगी.
अररिया में भाई को टिकट मिलने से दूसरा भाई नाराज
अररिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व तस्लीमुद्दीन के दो बेटे आमने-सामने हैं. बड़े भाई सरफराज आलम को इस बार राजद ने टिकट नहीं दिया. छोटे भाई को राजद ने उम्मीदवार बनाया है. सरफराज इसे स्वीकार कर पाने की स्थिति में नहीं हैं. नाराज सरफराज चुनाव में रणनीति बनाने में जुट गये हैं. उन्होंने पार्टी नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर हमला भी बोला है.
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