Lok Sabha Elections: बिहार के नजरिये से लोकसभा चुनाव का सातवां चरण खास होगा. दरअसल, लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में एनडीए और महागठबंधन के सारे दिग्गज नेता राजधानी पटना में जमे होंगे. इस चुनाव में शायद ही ऐसी कोई सीट होगी, जिस पर किसी न किसी सियासी दिग्गज की प्रतिष्ठा दांव पर न हो. इसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की प्रतिष्ठा सबसे अहम है. यह देखते हुए कि राजद के इस प्रथम परिवार के लिए पाटलिपुत्र सीट अभी तक अभेद दुर्ग साबित हुई है. कुल मिलाकर यहां से लालू परिवार जीत का स्वाद नहीं चख सका है. इस चरण में मीसा भारती, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, उपेंद्र कुशवाहा, पवन सिंह सहित कई दिग्गज किस्मत आजमा रहे हैं.
लालू प्रसाद भी नहीं जीत पाये हैं पाटलिपुत्र सीट
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद खुद हार चुके हैं. इस बार चुनाव लड़ रहीं उनकी सबसे बड़ी बेटी डॉ मीसा भारती लगातार दो बार चुनाव हार चुकी हैं. इस चुनाव में राजद सुप्रीमो ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत लगा रखी है. सियासी जानकार बता रहे हैं कि इस सीट पर अगर इस बार ”लालटेन” नहींं जली तो राजद के लिए यह लगातार तीसरी हार होगी. यह बात राजद के रणनीतिकारों से भी छिपी नहीं है. इसलिए इस सीट पर राजद ने विशेष कैंपेनिंग शुरू कर रही है.
जहानाबाद और बक्सर दोनों खास हैं राजद के लिए
सातवें चरण में राजद के लिए जहानाबाद लोकसभा सीट बड़ी खास है. पिछले चुनाव में बड़ी मुश्किल से दो हजार से कम वोटों से राजद यहां चुनाव हार गया था. लिहाजा, सियासी रणनीतिकार इस सीट को राजद के लिए सबसे आसान सीट मानकर चल रहे हैं. हालांकि, यहां लड़ाई किसी भी दल के लिए इतनी आसान नहीं होगी. फिलहाल जदयू और राजद ने उन्हीं प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है, जो 2019 के चुनाव में आमने-सामने थे. यहां मुकाबला बेहद नजदीकी बताया जा रहा है.
राजद के लिए बक्सर सीट भी खास है. दरअसल यहां से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. जगदानंद इस सीट से एक बार चुनाव जीत भी चुके हैं. शाहाबाद क्षेत्र की राजनीति में उनका अपना रसूख बताया जाता है. इस तरह सातवें यानी अंतिम चरण में राजद तीन सीटों पर अपनी सियासी किस्मत चमकाना चाहता है.
नालंदा, आरा, सासाराम और काराकाट सीट पर भी है सबकी नजर
सियासी जानकारों के अनुसार नालंदा लोकसभा सीट की प्रतिष्ठा हमेशा से सीएम नीतीश कुमार से जोड़ कर देखी जाती है. फिलहाल यहां इस बार जदयू प्रत्याशी का चुनावी संघर्ष माले प्रत्याशी संदीप सौरव से है. वहीं दूसरी ओर आरा लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भाजपा से ताल ठाेके हुए हैं.
पटना साहिब से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद एक बार फिर चुनाव मैदान हैं. इनकी लड़ाई पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रहीं कांग्रेस नेता मीरा कुमार के बेटे अंशुल अविजित से है. खास बात है कि इनकी परंपरागत सीट मानी जाने वाली सासाराम सीट भी मीरा कुमार के लिए प्रतिष्ठापूर्ण मानी जा रही है. बेशक उनके परिवार का वहां से कोई चुनाव मैदान में नहीं है, लेकिन इनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी को आगे बढ़ाने की चुनौती जरूर बतायी जा रही है. जहां तक काराकाट लोकसभा सीट का सवाल है, यहां भी एक पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की साख दांव पर है.