Loksabha Election: 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. 2019 के चुनाव से उलट इस बार बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. ऐसे में केंद्र में नई सरकार बनाने में बिहार की चालीस लोकसभा सीटें काफी कारगर साबित हो सकती हैं. एक ओर गैर भाजपा दलों का गठबंधन I.N.D.I.A. है. वैसे तो इस गठबंधन में 26 दल हैं. लेकिन इनमें से बिहार में जो दल सक्रिय हैं उनमें जेडीयू, राजद, कांग्रेस, सीपीआई (एमएल), सीपीआई (एम) और सीपीआई शामिल हैं. ये सभी मिलकर राज्य में बीजेपी के खिलाफ चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एनडीए है, जिसमें बीजेपी, एलजेपी के दोनों गुट, जीतनराम मांझी की हम और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी शामिल हैं.
बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन में सीटों का कैसे हो सकता है बंटवारा
बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन की प्रमुख पार्टी जदयू के वर्तमान लोकसभा में सोलह सांसद हैं. ऐसे में जेडीयू किसी भी हाल में अपना कोई सांसद या सीट खोना नहीं चाहेगी. तो 2019 में 16 सीटें जीतने वाली जेडीयू इस बार भी इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. अगर जेडीयू को 16 सीटें मिलती हैं तो राजद भी कम सीटों से संतुष्ट नहीं होने वाला है, क्योंकि विधानसभा में राजद राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है.
अगर इन दोनों पार्टियों के बीच 16-16 सीटें बंटती हैं तो बाकी पार्टियों के लिए आठ सीटें बचती हैं. जो कांग्रेस और तीन वामपंथी पार्टियों के बीच बंटेगा. हालांकि, सीपीआई (एमएल) अभी भी नौ सीटों, सीपीआई (एम) चार और सीपीआई नौ सीटों पर दावा कर रही है. ऐसे में मंगलवार को होने वाली बैठक अहम है. इस बैठक में शीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो सकता है.
2019 में बीजेपी ने बिहार में जीती थी 17 सीटें
वहीं, बिहार में एनडीए की बात करें तो इसमें बीजेपी के साथ तीन सहयोगी दल हैं. जिसमें एलजेपी के दोनों गुट (पशुपति पारस और चिराग पासवान), उपेन्द्र कुशवाह की पार्टी और जीतन राम मांझी की पार्टी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में 17 सीटें जीतीं. पार्टी ने यह चुनाव जेडीयू के साथ गठबंधन में लड़ा था. पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी 2024 के चुनाव में कम से कम 30 से 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है. ऐसे में सीट बंटवारे के वक्त एनडीए को कुछ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है.
बिहार में 2019 चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं?
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भाजपा ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी के सभी उम्मीदवार विजयी हुए थे. भाजपा को कुल 96.1 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 24.06 प्रतिशत था.
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जदयू ने भी 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी के 16 उम्मीदवार विजयी हुए थे. जदयू को कुल 89 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 22.26 प्रतिशत था.
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लोजपा ने 6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी के सभी उम्मीदवार विजयी हुए थे. लोजपा को कुल 32 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 8.02 प्रतिशत था.
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राजद ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली थी. राजद को कुल 15.68 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 15.68 प्रतिशत था.
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कांग्रेस ने 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस को कुल 31.4 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 7.85 प्रतिशत था.
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रालोसपा ने 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. रालोसपा को कुल 14.6 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 3.66 प्रतिशत था.
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हम (सकुलर) ने 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. हम (सकुलर) को कुल 9.5 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 2.39 प्रतिशत था.
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वीआइपी ने 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. वीआइपी को कुल 6.6 लाख वोट मिले थे. वोट प्रतिशत 1.65 प्रतिशत था.
‘इंडिया’ गठबंधन में कितने दल
आपको बता दें कि गैर भाजपा दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में कुल 26 पार्टियां शामिल हैं. इनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड) कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शामिल हैं.
इसके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काची, केरल कांग्रेस (एम) ), राष्ट्रीय लोक दल, अपना दल (कामेरावादी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची, मनिथानेया मक्कल काची और केरल कांग्रेस (जोसेफ) भी गठबंधन में शामिल हैं.
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