सुमित कुमार, पटना
2024 लोकसभा चुनाव मे मिशन 40 को अंजाम देने मे जुटी बिहार भाजपा करीब एक दर्जन नयी सीटो पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तत्कालीन गठबंधन के तहत 17 सीटो पर चुनाव लडते हुए शत- प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल की थी. शेष 23 सीटो मे से 22 सीटो पर सहयोगी दल जदयू और लोजपा के उम्मीदवार जीते थे, लेकिन बदली हुई परिस्थिति मे नये गठबंधन के तहत भाजपा 2024 मे आठ से दस सीटें सहयोगी दलो के लिए छोडते हुए शेष 30 से 32 सीटो पर चुनाव लडने की तैयारी मे जुटी है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक एनडीए का खाका लगभग तैयार है. वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी का स्टैड क्लियर होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि लोजपा के दोनो गुट (चिराग और पारस), उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और जीतन राम मांझी की हम पार्टी ही 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा होगें. भाजपा के शीर्ष नेताओ ने पूर्व मे ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी 30 से 32 सीटो पर चुनाव लड़ेगी.
उपेंद्र कुशवाहा काराकाट और उजियारपुर से चुनाव लडते रहे है, लेकिन उजियारपुर से केद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के सांसद होने से उनकी दावेदारी थोड़ी कमजोर हो रही है. गया और जहानाबाद पर हम की दावेदारी हो रही है. नवादा और नालंदा की सीटों से भाजपा खुद अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है, इसलिए सहयोगी दलो से इसे लेकर बातचीत चल रही है. इसके एवज मे उनको दूसरी सीट दी जा सकती है.
भाजपा इस बार कई ऐसी लोकसभा सीटो पर भी उम्मीदवार उतारेगी, जिन पर आज तक उनके सहयोगी ही लडते आये हैं. सुपौल और मुंगेर ऐसी सीटे हैं, जिस पर भाजपा आज तक लोकसभा का एक भी चुनाव नही जीत पायी है. वही, वाल्मीकिनगर, किशनगंज और झंझारपुर से भाजपा एक बार चुनाव जीतने मे सफल रही है.
वाल्मिकीनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, कटिहार, पूर्णया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, किशनगंज, नालंदा. सीट पर बीजेपी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है.