पटना. बिहार से जुड़े सर्वकालीन मौसमी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी सर्वाधिक ठंडी जा रही है. मौसम विज्ञानी जनवरी 2022 की अब तक पड़ी ठंड को सबसे लंबी अवधि की प्रभावशाली शीत बता रहे हैं. इस साल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में 18 से 20 दिन कोल्ड डे दर्ज किये गये. यह सामान्य से करीब चार गुना अधिक हैं. इसी तरह इस मकर संक्रांति के बाद तक लगातार शीत लहर बने रहना दुर्लभ मौसमी घटनाक्रम माना जा रहा है.
आइएमडी पटना के शीर्ष मौसम विज्ञानी विवेक सिन्हा के मुताबिक प्रदेश की शीत ऋतु में हो रहे यह बदलाव अचानक नहीं है. पिछले दो-तीन साल से यह ट्रेंड देखा जा रहा है. इस बार यह चरम पर है. आंकड़े बताते हैं कि बर्फीली ठंडक के साथ पछिया हवा जनवरी में अपवाद स्वरूप दो-चार दिन छोड़कर सबसे लंबे समय तक चली. पछिया की रफ्तार और उसके लंबे समय तक टिके रहने से मौसम विज्ञानी चौंके हुए हैं.
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विवेक सिन्हा के मुताबिक अभी तक पश्चिमी विक्षोभ खासतौर पर उत्तरी और मध्य बिहार तक सीमित रहा करता था. इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि उसकी जद में समूचा दक्षिणी बिहार आ गया. दरअसल आसमान में 6 से 14 किलोमीटर चलने वाली जेट स्ट्रीम(विशेष प्रका की तेज हवा) ने दक्षिणी बिहार को अपनी जद में प्रभावी ढंग से ले लिया. इसी वजह से दक्षिणी बिहार में जनवरी महीने में सर्वाधिक मौसमी उथल-पुथल हुई है. सिन्हा के मुताबकि उदाहरण के लिए दक्षिणी बिहार में इस साल उत्तर बिहार की तुलना में जनवरी में 50 से 70 फीसदी अधिक बारिश हुई.
आइएमडी के आंकड़े बताते हैं कि एक जनवरी से 28 जनवरी तक दक्षिणी बिहार के जमई में 387 फीसदी, नवादा में 247, जहानाबाद में 205, नालंदा में 192, गया में 183, लखीसराय में 152, अरवल में 151, औरंगाबाद में 127, पटना में 103, भोजपुर में 88, बेगूसराय में 83 , बांका में 75,रोहतास में 65 फीसदी और अन्य जिलों में भी बक्सर छोड़कर सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गयी है. जबकि उत्तरी बिहार में अधिकतर जिलों में इस साल शीतकालीन बारिश सामान्य से कम रही है.