बिहार में खत्म हुई लो-वोल्टेज की समस्या, 500 करोड़ खर्च कर दो दर्जन ट्रांसमिशन लाइन बदलने का काम पूरा
पहले चरण में ऐसे करीब दो दर्जन ट्रांसमिशन लाइन बदले गये हैं, जिस पर लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गयी. इससे संबंधित जिलों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता सुधरेगी ही, लो-वोल्टेज की समस्या भी दूर होगी.
पटना. बिजली आपूर्ति में सुधार और उसकी गुणवत्ता बढ़ाये जाने को लेकर बिजली कंपनी ने राज्य के करीब डेढ़ दर्जन जिलों को जोड़ने वाले ट्रांसमिशन लाइनों (संचरण तार) को बदल दिया है. पहले चरण में ऐसे करीब दो दर्जन ट्रांसमिशन लाइन बदले गये हैं, जिस पर लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गयी. इससे संबंधित जिलों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता सुधरेगी ही, लो-वोल्टेज की समस्या भी दूर होगी. दूसरे चरण में कंपनी ने कई अन्य जिलों के पुराने ट्रांसमिशन लाइनों को बदले जाने जबकि कई नये रूटों पर ट्रांसमिशन लाइन बिछाये जाने की भी योजना बनायी है.
इन ट्रांसमिशन लाइनों को बदला गया
कंपनी अधिकारियों के अनुसार 220 केवी के तीन और 132 केवी के 19 ट्रांसमिशन लाइन के हाइटेंशन तारों को एचटीएलएस (हाइ टेंपरेचर लो सैग) से बदला गया है. 220 केवी में पटना-सिपारा, टीटीपीएस-बिहारशरीफ और बेगूसराय-बीटीपीएस लाइन का ट्रांसमिशन तार बदला गया है. इसी तरह, 132 केवी में बिक्रमगंज-डुमरांव सिंगल सर्किट लाइन, समस्तीपुर-दरभंगा सिंगल सर्किट लाइन, हाजीपुर-हाजीपुर (न्यू) सिंगल सर्किट लाइन, गंगवारा-पंडौल सिंगल सर्किट लाइन, छपरा-हाजीपुर सिंगल सर्किट लाइन, डेहरी-बिक्रमगंज-सिंगल सर्किट लाइन, कटैयार-सुपौल लाइन, मधेपुरा-सुपौल लाइन, बख्तियारपुर-बड़ी पहाड़ी लाइन, गोपालगंज-मशरख लाइन, सीवान-हथुआ लाइन, सोननगर-नवीनगर लाइन के ट्रांसमिशन लाइन को भी बदला गया है.
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132 केवी में चार जीआइएस लाइन बे का हुआ निर्माण
कंपनी अधिकारियों के अनुसार इसके अलावा हथुआ-गोपालगंज लाइन, पूर्णिया-कटिहार लाइन, मशरख-सीवान लाइन, रुन्नी सैदपुर-सीतामढ़ी लाइन, बेगूसराय-दलसिंहसराय लाइन के ट्रांसमिशन लाइन बदले जाने से इन जिलों में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है. कंपनी ने अमनौर ग्रिड उपकेंद्रों में ट्रांसमिशन-बे का निर्माण कराया है. इसके तहत 220 केवी के चार और 132 केवी में चार जीआइएस लाइन बे का निर्माण हुआ है.
सभी ग्रिड उपकेंद्रों में लगाये गये एबीटी मीटर
कंपनी ने बताया है कि राज्य के सभी 132/33 केवी व 220/132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्रों में एबीटी (अवेलेबिलिटी बेस्ड टैरिफ सिस्टम्स) मीटर की स्थापना कर दी गयी है. यह मीटर संबंधित ग्रिड उप केंद्रों से आपूर्ति की जाने वाली बिजली की मात्रा का अनुमान लगाने में सक्षम है और वास्तविक समय में घाटे की गणना करता है. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर (पावरग्रिड) ग्रिड उपकेंद्र से अमनौर ग्रिड उपकेंद्र तक 220 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन जबकि अमनौर ग्रिड उपकेंद्र से वैशाली ग्रिड उपकेंद्र तक 132 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण पूरा कर लिया गया है. वहीं, 220/132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र रक्सौल (न्यू) से 220/132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र गोपालगंज तक 220 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण भी पूरा हो गया है.