बिहार के इन जिलों में सबसे कम हुए महिला अपराध…..देखें राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट
राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गया और भागलपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुआ है. वर्ष 2016 व 2017 में गया अपराध में टॉप फाइव जिलों में शामिल था. 2018 में भागलपुर भी इस सूची से बाहर हो गया. आंकड़ों के मुताबिक अरवल, बगहा, शिवहर ,शेखपुरा और नवगछिया में सबसे कम महिला अपराध हुए.
पटना : राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गया और भागलपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुआ है. वर्ष 2016 व 2017 में गया अपराध में टॉप फाइव जिलों में शामिल था. 2018 में भागलपुर भी इस सूची से बाहर हो गया. आंकड़ों के मुताबिक अरवल, बगहा, शिवहर ,शेखपुरा और नवगछिया में सबसे कम महिला अपराध हुए. महिला सुरक्षा के मामले में अरवल पहले नंबर पर है. यहां मात्र 76 घटनाएं दर्ज हैं.
वर्ष 2016 व 17 में भी यह पहले नंबर पर था. हालांकि सबसे असुरक्षित जगहों में पटना, मुजफ्फरपुर और सारण हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में दहेज उत्पीड़ की 174 घटनाएं हुईं. स्वाभिमान से जीने के अधिकार का 143 बार उल्लंघन हुआ. घरेलू हिंसा की 114, छेड़खानी की 42, दुराचार की 49 तथा दहेज हत्या के 40 मामले दर्ज किये गये. 30 महिलाएं साइबर क्राइम की शिकार हुईं. सम्मान की खातिर 15 महिलाएं उत्पीड़न का शिकार हुईं. पुलिस द्वारा सताये जाने की 91 घटनाएं हैं. दस महिलाएं अपने कार्यस्थल पर यौनशोषण का शिकार हुईं.
महिला अपराध में टॉप फाइव जिले
2018 की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, मधुबनी और सारण टॉप फाइव जिलों में शामिल हैं.
पटना 1770
मुजफ्फरपुर 1098
मोतिहारी 691
मधुबनी 690
सारण 685