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दुर्घटना में मृत्यु होने पर प्रति व्यक्ति ऑयल कंपनी देती है छह लाख रुपये
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215.6 लाख लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन है सूबे में
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25 हजार रुपये प्रति व्यक्ति तुरंत दी जाती है राहत राशि
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24 घंटे के अंदर गैस वितरक को देनी होती है लिखित सूचना
सुबोध कुमार नंदन, पटना. इंडेन गैस, भारत गैस या हिन्दुस्तान गैस के ग्राहक एलपीजी लाइफ इंश्योरेंस योजना का लाभ किसी दुर्घटना के बाद नहीं ले रहे हैं. सार्वजनिक तेल कंपनियों और वितरकों की मानें तो पिछले पांच साल में सूबे में एक भी ग्राहक ने दुर्घटना बीमा के लिए दावा नहीं किया है. इस योजना में एलपीजी ग्राहक को कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना पड़ता. यह एक थर्ड पार्टी बीमा है. सार्वजनिक तेल कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार दुर्घटना में मृत्यु होने पर प्रति व्यक्ति छह लाख रुपये तेल कंपनी देती है. 30 लाख रुपये प्रति घटना के चिकित्सा व्यय, अधिकतम दो लाख रुपये प्रति व्यक्ति व 25 हजार रुपये प्रति व्यक्ति की तुरंत राहत राशि दी जाती है. मालूम हो कि सूबे में 215.6 लाख लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन हैं.
यह बीमा पॉलिसी सामाजिक दायित्व के तहत आता है. अगर किसी कारणवश एलपीजी सिलेंडर से ब्लास्ट होता है, तो उस स्थिति में गैस कंपनियों को बीमा क्लेम देना होता है. ग्राहक के रिश्तेदार या परिजन को 24 घंटे के अंदर गैस वितरक को दुर्घटना के बारे में लिखित सूचना देनी होती है. इसके साथ पुलिस रिपोर्ट की कॉपी लगानी होगी. फिर गैस वितरक दुर्घटना की सूचना गैस कंपनी तक पहुंचाते हैं. प्रॉपर्टी डैमेज की स्थिति में ऑयल कंपनी से एक टीम आती है, वो प्रॉपर्टी एसेस करती है और बीमा तय करती है.
अधिकारियों ने बताया कि मृत्यु की स्थिति में मृत्यु प्रमाणपत्र, पोस्टमॉर्टम प्रमाणपत्र देना होता है. तभी आपको बीमा का लाभ मिल पायेगा. वहीं दुर्घटना की स्थिति में मेडिकल बिल और प्रिस्किप्शन बिल देना होता है. उसके बाद ही बीमा बिल मिलता है. डिस्चार्ज बिल संबंधित तेल कंपनी कंपनी को देना होगा.
अगर ब्लास्ट में ग्राहक किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, तो संपत्ति के नुकसान के आकलन के बाद उसका पेमेंट किया जाता है. अगर ग्राहक की रजिस्टर्ड संपत्ति (परिसर) है, तो ग्राहक की संपत्ति के आकलन के बाद दो लाख रुपये तक का पेमेंट किया जाता है.
बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डाॅ रामनरेश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि पिछले पांच साल में पटना सहित सूबे में एक भी एलपीजी बीमा से संबंधित मामला किसी एजेंसी के पास नहीं आया है. इसका मुख्य कारण एलपीजी ग्राहकों को जानकारी का नहीं होना है. चाहे वह इंडियन ऑयल कारपोरेशन हो या भारत गैस या फिर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कंपनी का. विरतक के कमीशन से ही बीमा की प्रीमियम राशि काट ली जाती है.
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आइओसीएल : 102 लाख
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बीपीसीएल : 51.7 लाख
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एचपीसीएल : 61.9 लाख
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कुल : 215.6 लाख (लगभग)
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आइओसीएल : 9.5 लाख
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बीपीसीएल : 4.4 लाख
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एचपीसीएल : 2.0 लाख
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कुल : 15.9 लाख (लगभग)
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आइओसीएल : 35.95 लाख
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बीपीसीएल : 22.63 लाख
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एचपीसीएल : 26.66 लाख
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कुल : 85.24 लाख (लगभग)