बिहार: मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण, मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट, जानें कैसे संभव हो सकेगा बीमारी पर नियंत्रण
Lumpi Virus: बिहार में मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण पाए गए है. मुजफ्परपुर जिले में 80 मवेशियों में इसके लक्षण मिले है. इसके बाद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है. बीमारी के बढ़ते प्रकोप ने पशुपालकों की चिंता को बढ़ा दिया है.
Lumpi Virus: बिहार के मुजफ्परपुर जिले में 80 मवेशियों में इसके लक्षण पाए गए है. इसके बाद मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है. बीमारी के बढ़ते प्रकोप ने पशुपालकों की चिंता बढ़ चुकी है. पशुओं में लंपी जैसी बीमारी का प्रकोप बढ़ने से पशुपालकों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. जिले में फिलहाल आठ प्रखंडों में इस बीमारी का प्रकोप सबसे अधिक है. हाल के दिनों में लगातार मामला सामने आने के बाद इस बारे में जिला से राजधानी पटना में रिपोर्ट भेजी गयी है. इसमें अबतक 80 मवेशियों (गाय ) में लंपी को लेकर रिपोर्ट की गयी है.
पटना में पशुपालन निदेशालय ने बुलाई बैठक
जिले के मुशहरी, मीनापुर, औराई, बंदरा, मोतीपुर, सकरा व कुढ़नी प्रखंड में यह तेजी से फैल रहा है. जल्द ही पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय डॉक्टरों की टीम जांच करने आयेगी. विभाग की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रभावित करीब 60 मवेशी इलाज के बाद ठीक हुए हैं. 12 सितंबर को पटना में पशुपालन निदेशालय की ओर से बैठक बुलायी गयी है. इसमें जिला पशुपालन पदाधिकारी शामिल होंगे. देर शाम सकरा से पशुपालन विभाग को इस बीमारी से ग्रसित एक मवेशी के मरने की भी सूचना दी गयी है. 60 मवेशियों के ठीक होने का भी दावा किया गया है.
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सतर्कता से बचाव संभव..
जिला पशुपालन पदाधिकारी कुमार कांता प्रसाद ने बताया कि इस बीमारी से गाय प्रभावित है. अबतक 80 मवेशियों में लंपी सदृश्य को लेकर रिपोर्ट भेजी गयी है. इस वायरल बीमारी में पशुपालक शुरुआत में सतर्क हो जाएं, तो समय रहते मवेशी ठीक हो जाते हैं. इससे ग्रसित 60 मवेशी ठीक हुए हैं. मवेशी में वायरल प्रकोप दिखते ही स्थानीय पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों से सलाह लेकर दवा दें. पशु चिकित्सालय में इससे जुड़ी दवा उपलब्ध करायी गयी है. अगले सप्ताह पटना में होने वाली बैठक के बाद टीका को लेकर गाइडलाइन प्राप्त हो सकता है.
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मवेशियों को लगेगा टीका
पशुपालन विभाग की ओर से लगड़ी बुखार व गलाघोंटू रोग से बचाव के लिए एचएस-बीक्यू (हिमेरेजिक सिप्टेसिमिया-ब्लैक क्वार्टर) का टीका लगाने तैयारी शुरू हो गयी है. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि अगले महीने से एचएस-बीक्यू टीका लगाने की शुरुआत हो सकती है. सर्वे के अनुसार जिले में करीब सात लाख मवेशी हैं. टीका उपलब्ध कराने के लिए रिपोर्ट भेज दी गयी है.
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पशुपालकों को हो रही परेशानी
राज्य में गाय लंपी वायरस की चपेट में आ रही है. पशुओं में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है. कई इलाकों में इस बीमारी की दवा भी उपलब्ध नहीं है. इस कारण पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे में घरेलू उपचार से पशुओं का इलाज संभव है. मुजफ्फरपुर के अलावा पूर्वी चंपारण में भी लंपी वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. जिले के अधिकांश प्रखंड से इसके मामले सामने आ रहे हैं. पशुपालन विभाग के आकड़ों के अनुसार 27 में 25 प्रखंड लंबी वायरस के चपेट में आ गए है. अरेराज के रढ़ीया पंचायत के गांव में दर्जनों गाय में लंपी वायरस का लक्षण दिखने लगे है. इसके पूर्व केसरिया, कल्याणपुर, पताही, मधुबन, सुगौली सहित बॉर्डर इलाका से जुड़े प्रखंड आदापुर, छौड़ादानों, रक्सौल आदि इलाकों के गांव में लंपी वायरस से पशु ग्रसित है. बाजार में की कमी की समस्या खड़ी हो रही है. वैक्सीन की समस्या भी सामने आ रही है. इस कारण पशुपालकों को परेशानी हो रही है.
घरेलू उपचार से संक्रमित पशुओं का उपचार किया जा रहा है. पशु चिकित्सक भी पशुपालकों को लंपी रोग से बचाव के लिए पशुओं की सुरक्षा के साथ पौष्टिक आहार देने की सलाह दे रहे है. लंपी की बीमारी से सतर्कता को लेकर पशुओं के बहारी पशुओं के जिला के सीमा में आने पर रोक लगाई गई है. नेपाल की सीमा वाले इलाके में सुरक्षा का खास ख्याल रखा जा रहा है.
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