पटना: मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात के बाद बिहार में भी पशुओं के बीच तेजी से म्पी वायरस गायों में फैल रहा है. हालांकि इसकी तादाद बिहार में अभी कम है. लेकिन खतरा बरकरार है. इन सब के बीच सवाल उठता है कि क्या लम्पी वायरस से संक्रमित गाय के दूध में भी संक्रमण होता है, जो इंसानों के शरीर में जाकर उन्हें भी बीमार कर सकता है.
ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (GAVI) के अनुसार लम्पी वायरस गाय और भैस में होने वाली बीमारी है. यह एक तरह की स्किन डिजीज है, जो वायरस के कारण होता है. इसे Capripoxvirus के नाम से भी जाना जाता है. चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि यह वायरस अपना बिहेवियर भी चेंज कर सकता है. संभव हो कि आगे चलकर ये वायरस इंसानों में फैल जाए. इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
पशु चिकित्सकों की मानें तो इसके लिए किसी तरह ही एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है. इसे फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका है, संक्रमित गाय-भैंस को कम से कम 28 दिन के लिए आइसोलेट करना. इस दौरान उनके लक्षणों का इलाज होते रहना चाहिए. इस वायरस को कंट्रोल करने के लिए पशुओं को गॉट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है. बता दें कि केंद्र सरकार ने लंपी के लिए लंपी-प्रोवैक आईएनडी नाम से एक नई स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च की है. इसे इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च यानी ICAR की हिसार और बरेली यूनिट ने विकसित किया है.
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कच्चे दूध का सेवन करने से बचें
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बिमार गाय का दूध का सेवन करने से बचें
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दूध को कम से कम 15 मिनट तक अच्छी तरह से उबाले
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किसी भी हालत में कच्चा दूघ नहीं पिएं
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बिमार पशुओं से बनाएं दूरी
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हैंड हाइजीन का ख्याल रखें
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दूध निकालने के बाद हैंड सैनिटाइज करें
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दूध निकालने से पहले भी हाथ साफ करें
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दूध निकालते वक्त हाथों में ग्लव्स पहनें
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मास्क पहनकर दूध निकालें
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लम्पी वायरस का लक्ष्ण
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गाय या भैंस को तेज बुखार
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शरीर पर गांठ होना
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कम भोजन खाना
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तेजी से वजन कम होना
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दूध देने की क्षमता में कमी
लम्पी वायरस की रोकथाम व बचाव को लेकर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना स्थित नियंत्रण कक्ष के टेलिफोन नंबर 0612-2226049 जारी किया गया है. इस रोग के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने का निर्देश निदेशक, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना को दिया गया.