मुसीबत . शाम होते ही शहर की सड़कों पर राहगीरों के लिए चलना होता है दूभर
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साहब के वाहन सड़क को कर रहे जाम
मुसीबत . शाम होते ही शहर की सड़कों पर राहगीरों के लिए चलना होता है दूभर मधेपुरा : शहर के लिए अहम सवाल बन चुका पार्किंग. पार्किंग की समस्या को बढ़ाने में गाड़ी वाले साहबों की भूमिका अहम है. साहब हो या मेडम, पैदल चलने की बात ही नहीं. जहां खरीदारी होगी उसके ठीक सामने […]
मधेपुरा : शहर के लिए अहम सवाल बन चुका पार्किंग. पार्किंग की समस्या को बढ़ाने में गाड़ी वाले साहबों की भूमिका अहम है. साहब हो या मेडम, पैदल चलने की बात ही नहीं. जहां खरीदारी होगी उसके ठीक सामने सड़क पर ही गाड़ी खड़ी होगी. नतीजतन शाम होते-होते पूर्णिया गोला चौक से करीब थाना चौक तक सड़क पर दोनों ओर खड़ी होने वाली गाड़ियों की खासी तादाद होती है. इनमें से कई गाड़ियों पर बत्ती भी दिख जाती है. शहर के मुख्य बाजार में सड़क के दोनों तरफ खड़ी गाड़ियां पार्किंग की जरूरत को पुख्ता कर रही हैं. आम हो या खास सभी लोग बाजार में सड़क पर गाड़ी खड़ी कर ही आवश्यक कार्य को निपटाते हैं.
जरा इस ओर सोचें कि सभ्य शहरी होने के नाते क्या इस ओर हमारी जिम्मेदारी नहीं है? अधिकारी शहर में पार्किंग की आवश्यकता को नजरअंदाज कर गाड़ी को सड़क पर छोड़ खरीदारी में मशगुल रहते हैं. इसकी बानगी शहर के सड़कों पर हमेशा दिखती रहती हैं. दिन भर सड़क गाडि़यों से भड़ी रहती हैं, तो रात्रि में बीच सड़क पर मवेशी विचरण करते हैं. शुक्रवार की रात मधेपुरा शहर की मुख्य सड़क पर हमेशा की तरह साहेबों की गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी थीं. नतीजतन शहरवासियों को दो घंटे से अधिक तक कछूआ की गति से निकलना पड़ा. यही आलम शनिवार दिन में बना रहा. सड़क पर जहां जगह मिली चार पहिया चालकों ने वहीं गाड़ी खड़ी कर दी. आलम यह है कि शहर में वाहन पार्किंग के लिए कोई पहल नगर परिषद की ओर से अबतक नहीं की गयी है. जिला स्तरीय बैठकों में भी यह मुद्दा नहीं बनता.
आज जरूरत है शहर को पार्किंग की. नगर परिषद वार्ड नंबर 13 के विष्णु गुप्ता कहते हैं कि नो इंट्री लागू होने से इस समस्या का समाधान हो सकता है. वार्ड नंबर चार निवासी पंकज कुमार ने कहा कि मधेपुरा की जरूरत को आजतक किसी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने नहीं समझा, लेकिन आज जरूरत हैं शहर को पार्किंग की. वार्ड नंबर 15 की गृहणी संजोनी देवी ने कहा कि देश तरक्की के नये आयाम को गढ़ रहा हैं, लेकिन मधेपुरा कई मायनों में दिन ब दिन पिछड़ते जा रहा हैं. इस शहर में एक अदद पार्किंग का न होना एक बानगी हैं. वार्ड नंबर 20 की भारती कुमारी ने कहा कि शाम में जब खरीदारी करने निकलते है सड़क पर गाड़ियों के खड़े रहने से परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. वार्ड नंबर दस की गृहणी मधुलता देवी ने कहा कि खरीदारी करने के दौरान सुभाषा चौक व पूर्णिया गोला चौक के आसपास गाड़ी खड़ी रहने से सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल रहता हैं.
साहब हैं कि मानते नहीं
सड़क पर गाड़ी खड़ा कर साहेब दुकानों की तरफ टहल तो जाते है, लेकिन उनके इस करतूत से आम राहगीर के साथ-साथ पैदल यात्री परेशान होते है. फिर भी साहेब लोग है की मानते नहीं. इनके अमानवीय व्यवहार से खासकर बाजार में पैदल खरीदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान दुर्घटना होने की संभावना भी बनी रहती है. कभी -कभी तो वाहन चालकों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
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