मधेपुरा : बाढ़ से मरने वालों की सरकारी संख्या 400 पहुंचने वाली है, जबकि वास्तविक रूप से मरने वालों की संख्या इससे अधिक है. वही लाखों लोग विस्थापित हैं. इसके बावजूद इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करना यह दिखाता है कि केंद्र व राज्य सरकार कोसी, सीमांचल व बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
उपरोक्त बातें कोसी, सीमांचल व क्षेत्र का दौरा कर रहे पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री व विधायक प्रो चंद्रशेखर ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कही. पूर्व मंत्री ने कहा कि नये दोस्त मुख्यमंत्री को मुबारक पर आज तक नये दोस्त प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बिहार को बाढ़ राहत के लिए एक रुपया भी नहीं मुहैया कराया गया है. यहां तक कि गत वर्ष गंगा वेसिन में आयी बाढ़ की वजह से बिहार को 41 सौ 12 करोड़ रुपये की क्षति हुई थी. यह राशि भी अब तक नहीं दी गयी है.
गरीब लोग बाहर जाकर जी सके इसलिए लालू ने किया था रेल सफर मुफ्त. उन्होंने कहा कोसीवासियों को आज भी वह मंजर याद है, जब 2008 की बाढ़ के विकरालता के दौरान लालू यादव द्वारा रेल सेवा को बाढ़ पीड़ितों के लिए शुल्क मुक्त घोषित किया गया था. पूर्व मंत्री ने कहा बाढ़ त्रासदी अपने साथ भूख, बेरोजगारी, ध्वस्त घर का ह्रदय विदारक दृश्य लेकर आती है. ऐसे में गरीब परिवार के लोग बाहर जाकर विभिन्न प्रदेशों में रोजगार ढूंढ कर जीवन यापन करते हैं. इस दर्द को महसूस करते हुए लालू यादव द्वारा महीनों पीड़ितों को रेल सेवा मुफ्त मुहैया करायी गयी, लेकिन वर्तमान सरकार ने कोई सेवा या सहयोग देना तो दूर की बात है अभी तक प्रधानमंत्री खुद एक बार हवाई सर्वेक्षण तक के लिए आना गवारा नहीं किए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नई दोस्ती के नाम पर कम से कम त्रासदी पीड़ितों के लिए कुछ सुविधाएं तो जरूर मांग लेनी चाहिए. पूर्व मंत्री ने कहा सिर्फ एक जिले की चर्चा की जाए, तो मधेपुरा में लगभग ढाई लाख लोगों को सरकार बाढ़ पीड़ित मानती है, लेकिन अब तक छप्पन सौ पॉलिथीन सीट बांटे गये हैं.
27 को होगा महासंग्राम
पूर्व मंत्री ने कहा कि 27 अगस्त को पटना में होने वाली रैली में देश की बिगड़ी हालत के साथ – साथ बिहार का दर्द भी सामने रखा जायेगा. जनता केंद्र व राज्य सरकार से हिसाब पूछेगी. उन्होंने कहा कि आखिरकार जनमत की चोरी कर नीतीश कुमार ने बिहार को क्या दिलाया है. प्रेसवार्ता के दौरान किसान सेल के अध्यक्ष अमेश यादव समेत राजद के वरीय नेता मौजूद थे.