एसएच पर फंसा ट्रक, लगा महाजाम
मुरलीगंज : मुरलीगंज से होकर गुजरने वाली एसएच 91 पर कोल्हायपट्टी चौक के पास मंगलवार की देर शाम एक अनाज से लदा ट्रक गड्ढे में फंस गया. इससे एसएच 91 पर जाम लग गया. जाम के कारण कुछ किसानों के केले लदा ट्रक भी फंस गया. किसानों को चिंता सता रही है कि कहीं ट्रक […]
मुरलीगंज : मुरलीगंज से होकर गुजरने वाली एसएच 91 पर कोल्हायपट्टी चौक के पास मंगलवार की देर शाम एक अनाज से लदा ट्रक गड्ढे में फंस गया. इससे एसएच 91 पर जाम लग गया. जाम के कारण कुछ किसानों के केले लदा ट्रक भी फंस गया. किसानों को चिंता सता रही है कि कहीं ट्रक पर लदे हुए केले सड़ न जाय. स्थानीय संजीव ने बताया कि रात भर जाम लगा रहा. एंबुलेंस तक को जाने में परेशानी हुई. ऐसे में प्रशासन की बेरुखी लोगों को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है.
सब्जबाग दिखाकर सड़क निर्माण में आ रही भूमि संबंधी मुआवजे को लेकर पूर्व में डीएम ने कई बार ग्रामीणों व किसानों से वार्ता की थी, लेकिन सड़क निर्माण में आ रही बाधा अबतक दूर नहीं की जा सकी है. कई घंटों जाम रहने के बाद बुधवार दोपहर जाम हटवाया गया.
ग्रामीणों ने निर्माण को कर रखा है बाधित
ग्रामीणों ने 1.800 मीटर सड़क निर्माण को बाधित कर रखा है. कई बार पदाधिकारियों व भू-स्वामियों के बीच बैठक भी हुई पर समस्या भूमि मुआवजे को लेकर अबतक बनी हुई है. गौरतलब है कि मधेपुरा जिले के मुरलीगंज से होकर गुजरने वाली एसएच 91 पर दिग्घी से लेकर कोल्हायपट्टी चौक तक भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने स्टेट हाइवे के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो गयी थी. यह मामला लंबे समय से लंबित था. इस बाधित मार्ग के निर्माण में छह सदस्य कमेटी जिसमें एसडीएम, अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, तात्कालीन सीओ बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन डीजीएम की उपस्थिति में व डीएम द्वारा भूमि मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया की गयी थी. इसको सत्यापित करते हुए उन लोगों ने उस समय स्वीकृति और सहमति दी कि स्टेट हाइवे पर 1. 800 मीटर मुरलीगंज से बिहारीगंज की ओर की स्थिति बद से बदतर हो गयी है.
हर दिन फंसती है गाड़ियां
क्षतिग्रस्त सड़क रहने के कारण हर दिन दो चार गाड़ियां फंसी नजर आती थी. तत्कालीन सीओ जयप्रकाश स्वर्णकार ने रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के डीजीएम से वार्ता द्वारा निर्माण में भूमि संबंधी बाधाओं को दूर कर लेने की बात कही थी. साथ ही भूमि मालिकों को उचित मुआवजे दिये जाने की बात कही गयी थी. आश्वासन दिया गया था कि निर्माण कार्य जल्द पूरा कर लिया जायेगा.