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नगर परिषद में थम गयी विकास की रफ्तार
मधेपुरा : नगर परिषद मधेपुरा में विकास की रफ्तार थम गयी है. कई योजनाओं पर ग्रहण मंडरा रहा है. वहीं दीपावली व छठ जैसे पर्व के समय छठ घाट दुरुस्त करने तथा अन्य कार्यों पर भी परेशानी के बादल छाये है. नगर परिषद मधेपुरा के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी को वित्तीय शक्ति नहीं मिलने की वजह […]
मधेपुरा : नगर परिषद मधेपुरा में विकास की रफ्तार थम गयी है. कई योजनाओं पर ग्रहण मंडरा रहा है. वहीं दीपावली व छठ जैसे पर्व के समय छठ घाट दुरुस्त करने तथा अन्य कार्यों पर भी परेशानी के बादल छाये है.
नगर परिषद मधेपुरा के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी को वित्तीय शक्ति नहीं मिलने की वजह से शौचालय, आवास समेत सभी योजनाओं में भुगतान का संकट हो गया है. यहां तक कि कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ रहे है. हालांकि मुख्य पार्षद सुधा यादव ने कहा है कि डीएम मो सोहैल के सहयोग से जल्द ही यह मामला दुरुस्त हो जायेगा. समय पर सबों को भुगतान होगा.
लंबी छुट्टी पर हैं पूर्व पदाधिकारी, नये पदाधिकारी को नहीं मिली वित्तीय शक्ति. नप के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार पवन गत 21 सितंबर को सड़क दुर्घटना में चोटिल हो जाने के बाद 30 नवंबर तक की छुट्टी पर चले गये है.
डीएम मो सोहैल ने तत्काल मुरलीगंज के कार्यपालक पदाधिकारी रमण कुमार चौपाल को 25 सितंबर को प्रतिनियुक्त किया गया है. कार्यपालक पदाधिकारी के पद ग्रहण करने के 15 दिन बाद भी इन्हें वित्तीय शक्ति नहीं मिला है. लिहाजा एक भी भुगतान नहीं हो पा रहा है, जबकि नगर परिषद क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त कराने के लिए प्रतिदिन 10 लाख रुपया लगभग 150 लाभुकों को एडवांस के तौर पर देना है. इसके अलावा आवास योजना के तहत 726 लाभुकों को प्रथम किस्त प्रदान कर दिया गया है. वहीं महज दस लाभुकों को ही द्वितीय किस्त मिल सका है.
कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि सरकार की महत्वाकांक्षी नलजल योजना समेत विकास की कई योजनाओं पर भुगतान का संकट आ गया है. लिहाजा कार्य बाधित हो रहा है.
नप क्षेत्र को करना है खुले में शौच मुक्त, देना है हर घर नल का जल समेत अन्य सुविधाएं. नप क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण कार्य चल रहा है. अब तक तीन हजार 36 परिवार को इस योजना के तहत प्रथम किस्त दी जा चुकी है, जबकि 605 परिवार को द्वितीय किस्त दी गयी है. सर्वे से मिलान कर हर उस परिवार को शौचालय प्रदान करना है, जो शौचालय से वंचित है.
इस मामले में सरकार ने नगर परिषद मधेपुरा को प्रतिदिन दस लाख रुपया तक खर्च करने के लिए विशेष तौर पर अधिकृत कर रखा है. नप क्षेत्र में शौचालय के लिए एडवाइस के साथ प्रथम किस्त में 75 सौ रुपया एडवांस दिया जाता है. गत 15 दिनों से यह योजना पूरी तरह बंद है. वहीं हर घर नल का जल समेत कई निर्माण योजनाएं भी भुगतान के अभाव में धीमी पड़ गयी है.
छठ घाट व दीपावली के अवसर पर होती है विशेष सफाई
नप क्षेत्र में डीएम के निर्देश पर दुर्गापूजा व मुहर्रम के दौरान अतिरिक्त मजदूर रखकर सफाई करायी गयी थी. इन मजदूरों का भी भुगतान नहीं हो सका है. इसके अलावा दीपावली के अवसर पर विशेष सफाई अभियान चलाया जाता है. साथ ही छठ घाट की तैयारी व सफाई करायी जाती है. वित्तीय शक्ति के अभाव में इन योजनाओं पर भी असर पड़ने की आशंका है.
कार्यपालक पदाधिकारी को वित्तीय शक्ति शीघ्र प्राप्त हो जायेगी. डीएम मो सोहैल मामले को गंभीरता से देख रहे है. पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी के लंबी छुट्टी पर जाने के तुरंत बाद डीएम द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त कर दिया गया था. छठ व दीपावली के मौके पर होने वाले विशेष सफाई व घाटों का निर्माण ससमय होगा. इस संबंध में लगातार प्रयास जारी है.
सुधा यादव, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, मधेपुरा
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