अपराध. छोटे मोटे सेटर के रूप में हाथ आजमाता था रंटू उर्फ अमोद

मधेपुरा : कम समय में करोड़पति बनने का सपना संजोने वाले रंटू को बचपन में ही पैसे की बुरी लत लग गयी थी. गांव से प्रारंभिक पढ़ाई पूरी कर रंटू बाहरवीं क्लास में अमोद के नाम से जाने जाना लगा. पहले तो अमोद छोटे मोटे सेटर के रूप में अपनी पहचान बनायी इसके बाद अमोद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2017 6:13 AM

मधेपुरा : कम समय में करोड़पति बनने का सपना संजोने वाले रंटू को बचपन में ही पैसे की बुरी लत लग गयी थी. गांव से प्रारंभिक पढ़ाई पूरी कर रंटू बाहरवीं क्लास में अमोद के नाम से जाने जाना लगा. पहले तो अमोद छोटे मोटे सेटर के रूप में अपनी पहचान बनायी इसके बाद अमोद जब लोगों के सामने आया तो वह नीट, इंजीनियरिंग व अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के बड़े सेटर के नाम से विख्यात डाॅॅ जॉन मेहता उर्फ राजीव रंजन बन चुका था. डाॅॅ जॉन को बचपन में लगी पैसे की लत ही उसके लिए गले का फांस बन गया.

हालांकि इस बीच डाॅ जॉन ने बचपन का ख्वाब पूरा करते हुए करोड़ों की अकूत संपति अर्जित कर ली. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डाॅ जॉन द्वारा फर्जीवाड़े की कमाई से अर्जित संपित में पटना के मोसलमपुर घाट के समीप करीब साढ़े तीन करोड़ की फ्लैट के अलावे बिहारीगंज मुरलीगंज मुख्य सड़क के बगल में हाल फिलहाल खरीदी गयी लाखों की जमीन शामिल है. मधेपुरा जिले के बिहारीगंज प्रखंड स्थित तलसिया वार्ड नंबर 03 मेहता टोला निवासी सेवानिवृत शिक्षक अनंदी मेहता के द्वितीय पुत्र रंटू उर्फ अमोद उर्फ राजीव रंजन उर्फ डाॅ जॉन मेहता को मेडिकल पीजी परीक्षा (नीट) में हुए फर्जीवाड़ा करने एवं स्कॉलर बनने के साथ ही साफ्टवेयर को हैक करने के आरोप में दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार को पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) से गिरफ्तार कर लिया है. उस पर दिसंबर 2016 में मेडिकल पीजी के लिए

आयोजित नीट में 100 से अधिक डॉक्टरों पर फर्जीवाड़ा कर पास कराने का शक है. बताया जा रहा है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा नीट का आयोजन हुआ था. इसमें धांधली की शिकायत पुलिस और कोर्ट तक पहुंची थी. इसके बाद जांच-पड़ताल की गति तेज हुई. इसमें करोड़ों की सौदेबाजी हुई थी.

साजिश के तहत राजीव को फंसाया गया: इस संदर्भ में डाॅ जान के पिता सेवानिवृत शिक्षक अनंदी मेहता ने कहा कि उनका द्वितीय पुत्र अमोद उर्फ राजीव रंजन पटना पीएमसीएच में एमबीबीएस पास करने के बाद एमडी की पढ़ाई कर रहा था. किसी साजिश के तहत राजीव का फंसाया गया है. तीन चार बीघा पैतृक संपति के अलावे पेंशन के सहारे वे अपना जीवन यापन करते है.

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