सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की व्यवसायिक जमीन पर है कब्जा, इसे हटा कर बनाया जाये बाजार
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अतिक्रमण हटाकर बने बाजार, तो श्रद्धालुओं पर घटेगा बोझ
सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की व्यवसायिक जमीन पर है कब्जा, इसे हटा कर बनाया जाये बाजार बढ़ेगी न्यास की आमदनी तो श्रद्धालुओं से लिये जाने वाले विभिन्न शुल्क होंगे कम मधेपुरा : जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर में बाबा सिंहेश्वर जमींदार हैं, लेकिन सैकड़ों एकड़ जमीन के मालिक भोले बाबा की जमीन को उनके ही […]
बढ़ेगी न्यास की आमदनी तो श्रद्धालुओं से लिये जाने वाले विभिन्न शुल्क होंगे कम
मधेपुरा : जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर में बाबा सिंहेश्वर जमींदार हैं, लेकिन सैकड़ों एकड़ जमीन के मालिक भोले बाबा की जमीन को उनके ही भक्तों ने अतिक्रमित कर रखा है. वर्षों से इस अतिक्रमण को हटाने के नाम पर न्यास केवल खानापूर्ति ही कर रहा है. गौरीपुर मौजा में अतिक्रमित जमीन में से ज्यादातर व्यवसायिक है. अगर इन जमीन को कब्जे से मुक्त कराया जाये, तो इन पर आसानी से बाजार विकसित किया जा सकता है. इससे न्यास की आमदनी में कई गुणा का इजाफा होगा. अगर न्यास की आय बढ़ जाये तो श्रद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ेगी और उनके विभिन्न मदों पर लिये जाने वाले शुल्कों में कमी की जा सकती है.
सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति ने जमीन अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की केवल औपचारिकताएं ही पूरी करता रहा है. महज एक माह पहले सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की ओर से स्थानीय अंचलाधिकारी को अमीन की प्रतिनियुक्ति करने के बारे में पत्र दिया है. इससे पहले पांच साल पूर्व न्यास ने ऐसा ही पत्र एक बार और लिखा था. पांच वर्ष पहले 2012 में तत्कालीन न्यास समिति के व्यवस्थापक न्यास की जमीन के अतिक्रमणकारियों की पहचान कर जमीन का ब्योरा तैयार कर लिया गया था. न्यास की ओर से अतिक्रमित जमीन खाली कराने के लिए कई बार सीओ व थानाध्यक्ष सिंहेश्वर को पत्र भी लिखा गया था. तब भी मापी पूरी नहीं हुई थी. न्यास की जमीन संपूर्ण गौरीपुर मौजा में है.
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