नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मधेपुरा में नवनिर्मित इंजन कारखाना 10 अप्रैल राष्ट्र को समर्पित कर सकते हैं. साथ ही वह वहां एसेंबल किये गये उच्च शक्ति वाले पहले विद्युत रेल इंजन कोरिमोट कंट्रोल से झंडी दे कर कारखाने रवाना करेंगे. रेल सूत्रों ने यह जानकारी दी.
पीएम मोदी उस दौरान स्वच्छ भारत मिशन के हिस्से ‘चलो चंपारण अभियान’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मोतिहारी में होंगे. वहीं से वह मधेपुरा के नवस्थापित कारखाने में बने पहले 12,000 अश्व शक्ति (हार्स पावर) क्षमता के विद्युत चालित रेल इंजन कोरिमोट कंट्रोल से रवाना करने का संकेत देंगे. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, प्रधानमंत्री का उस समय चंपारण में रहने का कार्यक्रम है और अन्य बातों के अलावा मधेपुरा में पहला इलेक्ट्रिक इंजन कारखाने के पहले इंजन के प्रस्थान की घोषणा उसका हिस्सा हो सकता है.
रेलवे तथा फ्रांस की कंपनी एल्सताम की साझेदारी में में यहदेश में पहला संयुक्तरेल इंजन कारखाना है. इसके लिए 2015 में समझौता हुआ और रेल क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है. परियोजना के तहत संयुक्त उद्यम कंपनी इसमें 1,300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रही है. इसमें रेलवे 26 प्रतिशत की भागीदार है और 100 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी का योगदान कर रही है. भारतीय रेल इस कारखाने से 11 साल में 800 इंजन खरीदेगी. वर्ष 2019 तक पहले पांच इंजन एसेंबल किये जायेंगे. जबकि शेष 800 इंजन का विनिर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया जायेगा.
कारखाने में 2021-22 से सालाना 100 इलेक्ट्रिक इंजन का विनिर्माण किया जायेगा. मंत्रालय के मुताबिक 20,000 करोड़ रुपये से अधिक अनुमानित लागत वाले इस कारखाने में 35 से अधिक इंजीनियरों का दल दिन-रात इंजन एसेंबल के काम में लगा है. लगभग 250 एकड़ क्षेत्र में फैली कारखाने की आधारशिला 2007 में रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रखी थी.