कोचिंग संचालक ने 13 वर्षीय नाबालिग छात्रा से 11 महीने तक किया दुष्कर्म
मधेपुरा : बिहार के मधेपुरा जिले में के एक शिक्षण संस्थान में दो महीने पूर्व नाबालिग से हुई दुष्कर्म की घटना ने व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. सोमवार को महिला थाने में लड़की के पिता ने आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करायी है. आवेदन के अनुसार 13 वर्षीय पीड़िता सातवीं कक्षा की छात्रा […]
मधेपुरा : बिहार के मधेपुरा जिले में के एक शिक्षण संस्थान में दो महीने पूर्व नाबालिग से हुई दुष्कर्म की घटना ने व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. सोमवार को महिला थाने में लड़की के पिता ने आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करायी है. आवेदन के अनुसार 13 वर्षीय पीड़िता सातवीं कक्षा की छात्रा है, जो समीप के मधेपुरा इन्फोटेक में मार्च से स्पीकिंग क्लास लेने जाती थी. लगभग दो महीने तक नियमित कक्षा जाने के बाद पीड़िता ने संस्थान जाना बंद कर दिया.
आवेदन में पीड़िता के पिता ने बताया कि कोचिंग के संचालक सुनील कुमार दास द्वारा छात्रा के साथ दो महीने पूर्व दुष्कर्म किया था.पिता ने बताया कि 28 जुलाई को चिकित्सीय जांच के बाद मामले का खुलासा हुआ है. उन्होंने बताया कि पीड़िता का मासिक धर्म आना बंद होने पर उसकी मां शहर के एक महिला चिकित्सक के यहां छात्रा का शारीरिक जांच करायी. इसमें उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई. इसके बाद हुई पूछताछ में छात्रा ने बताया कि कोचिंग संचालक सुनील दास ने कहीं भी बात नहीं बताने को लेकर धमकी दी थी. संचालक सुनील कुमार दास ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. इसके बाद भी कई बार उसके साथ कोचिंग क्लास के बाद संचालक ने डरा धमका कर दुष्कर्म किया था.
बार-बार हो रहे शारीरिक शोषण के बाद पीड़िता ने कोचिंग जाना बंद कर दिया था. परिजनों ने बताया कि मामले की जानकारी लेने के लिए जब संचालक को फोन किया गया, तो वह कोई जवाब दिये बगैर फरार हो गया. इधर, घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने सदर अस्पताल सहित सीएस कार्यालय में हंगामा किया. मौके पर पहुंचते थानाध्यक्ष द्वारा लोगों को समझाने की कोशिश की गयी. लेकिन, आक्रोश कम नहीं हुआ. इसके बाद लोगों ने मधेपुरा-सिंहेश्वर मुख्य मार्ग को सदर अस्पताल के समीप जाम कर दिया. सड़क जाम कर रहे लोगों ने पुलिस प्रशासन व सरकार के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की. इस बाबत सदर थानाध्यक्ष केबी सिंह ने बताया कि पीड़िता के बयान के आधार पर महिला थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
मेडिकल रिपोर्ट में उम्र बढ़ाने का आरोप
घटना के बाद सोमवार को दुष्कर्म पीड़िता के परिजन ने अचानक सिविल सर्जन कार्यालय में हंगामा करने लगे. लोगों का आरोप था कि अस्पताल के कर्मी द्वारा पीड़िता के उम्र को बढ़ा कर मामले के अभियुक्तों को बचाने की कोशिश की जा रही है. पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि पिता को जब अस्पताल में जांच के लिए लाया गया तो उसके जांच रिपोर्ट में उसके उम्र को बढ़ा कर नाबालिग लड़की को बालिग बनाया गया. जिसकी जानकारी मिलने पर सभी परिजन आक्रोशित हो गये और सिविल सर्जन कार्यालय में कर्मी को हटाने की मांग को लेकर जम कर हंगामा करने लगे. सिविल सर्जन कार्यालय के अंदर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गलत रिपोर्ट बनाने का आरोप लगाया तथा अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की.
लोगों को आक्रोशित देख पुलिस प्रशासन ने लोगों से वार्ता कर सभी परिजनों को सिविल सर्जन कार्यालय से बाहर जाने को कहा. जिसके बाद सभी परिजन सिविल सर्जन कार्यालय से बाहर निकल गये. अस्पताल कर्मी द्वारा गलत रिपोर्ट बनाने को लेकर लोगों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा सुबह से चल रही पीड़िता की जांच की खबर जैसे-जैसे शहर में फैलती जा रही थी वैसे-वैसे लोगों की भी अस्पताल में बढ़ती जा रही थी. परिजनों एवं अन्य लोगों का आक्रोश इतना बढ़ गया कि वे लोग अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने मुख्य सड़क को जाम कर प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शनकारियों ने कर्मी को हटाने की मांग को लेकर जिला प्रशासन अस्पताल प्रशासन एवं बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मौके पर उपस्थित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 12 घंटे के अंदर अगर आरोपी को नहीं पकड़ा गया तो आंदोलन और उग्र होगा.
कोचिंग में सन्नाटा, हुआ फरार
परिजनों के अनुसार पीड़िता के साथ शिक्षक सुनील कुमार दास ने दुष्कर्म किया है. वह प्राथमिकी के बाद से अपने कोचिंग संस्थान से फरार है. कोचिंग संस्थान में ताला लटका हुआ है. कोचिंग संस्थान के ऊपर से मधेपुरा इन्फोटेक नाम का बोर्ड भी संचालक द्वारा हटा दिया गया है. हालांकि, उक्त कोचिंग संस्थान के अंदर और बाहर आदित्य इन्फोटेक नाम का एक बोर्ड लगा हुआ है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मधेपुरा इन्फोटेक व आदित्य इन्फोटेक दोनों ही संस्थान का संचालक सुनील कुमार दास है. जो घटना के प्रकाश में आने के बाद से गायब है.