फुट ओवरब्रिज को ले यात्री नहीं हैं जागरूक

मधेपुरा : दौरम मधेपुरा रेल प्रबंधन की कार्यशैली से रेल यात्री गुरुवार को घंटों परेशान व हलकान रहे. सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक रेलवे ने अनावश्यक रूप से माल गाड़ी को स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर घंटों खड़ा रखा, जिससे यात्रियों को खासकर महिला व बच्चों को सामान के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2019 2:25 AM

मधेपुरा : दौरम मधेपुरा रेल प्रबंधन की कार्यशैली से रेल यात्री गुरुवार को घंटों परेशान व हलकान रहे. सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक रेलवे ने अनावश्यक रूप से माल गाड़ी को स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर घंटों खड़ा रखा, जिससे यात्रियों को खासकर महिला व बच्चों को सामान के साथ दो नंबर प्लेटफाॅर्म पर जाने में मशक्कत करनी पड़ी.

प्लेटफॉर्म संख्या एक पर मालगाड़ी खड़ी रहने से सहरसा-मधेपुरा सवारी गाड़ी, जानकी एक्सप्रेस और पूर्णिया -सहरसा पैसेंजर प्लेटफॉर्म संख्या दो पर आयी और गंतव्य के लिए रवाना हो गयी. रेल यात्री मेहनत व परेशानी से बचने के लिए एक पर से दो पर जान जोखिम में डाल कर माल गाड़ी के नीचे से हो कर ट्रेन पकड़ने लगे.
हालांकि अधिंकांश यात्रियों ने फुट ओवरब्रिज का ही इस्तेमाल किया. स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने कहा कि जब दो नंबर की लाइन खाली थी तो मालगाड़ी को एक नंबर की लाइन पर अनावश्यक घंटो खड़ा करना समझ से परे है. लोगों ने कहा कि यात्रियों को इससे होने वाली परेशानी का ख्याल रेलवे को रखना चाहिये.
कभी भी हो सकती है अनहोनी: मालगाड़ी के नीचे से होकर दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के दरम्यान यात्रियों के साथ दुर्घटना या कोई हादसा भी हो सकता है.
कुछ यात्री मजबूरी में पटरी पार करते हैं. जबकि कुछ यात्री बेवजह रेल लाइन पार करते हैं. इस प्रकार की परेशानी से यात्रियों को बचाने के लिए प्लेटफॉर्म के पूरब दिशा में वर्षों से एक अदद फुट ओवरब्रिज बनाने की मांग की जा रही है.
ट्रेन के साथ नहीं बढ़ रही सुविधा: पूर्णिया-सहरसा रेलखंड पर ट्रेन की संख्या व आवाजाही बढ़ने के बावजूद रेलवे द्वारा मधेपुरा स्टेशन पर सुविधा का विस्तार नहीं किया जा रहा है.
स्टेशन पर रनिंग रूम नहीं रहने की वजह से ट्रेन के गार्ड व पायलट को सहरसा से आने की विवशता बनी हुई है. इस वजह से कई बार ट्रेन असमय खड़ी रहती है. ज्ञात हो कि मधेपुरा स्टेशन के समीप बुधमा व मिठाई में रेलवे रेक प्वाइंट बनाये जाने से भी रेल यात्रियों को इस प्रकार के असुविधा से बचाया जा सकता है.

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