स्वच्छ मधेपुरा का सपना नहीं हो रहा साकार
मधेपुरा : स्वच्छता का सपना व सुंदर मधेपुरा का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है. शहर के लगभग सभी वार्डों में साफ-सफाई का अभाव है. मुख्य बाजार सहित रिहायशी इलाकों में भी कूड़े की भरमार है. हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर सफाई के दावे जोर शोर से हो रहे हैं. लेकिन, समस्या जस की तस […]
मधेपुरा : स्वच्छता का सपना व सुंदर मधेपुरा का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है. शहर के लगभग सभी वार्डों में साफ-सफाई का अभाव है. मुख्य बाजार सहित रिहायशी इलाकों में भी कूड़े की भरमार है. हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर सफाई के दावे जोर शोर से हो रहे हैं. लेकिन, समस्या जस की तस बनी हुई है.
सफाई के मद में लाखों रुपये प्रतिमाह खर्च करने के बावजूद स्वच्छ और सुंदर मधेपुरा का सपना सकार होता नहीं दिख रहा है. शहर में सभी जगहों पर सफाई का अभाव है. आवासीय क्षेत्र में कचरे के ढ़ेर लगे हुए है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर सफाई की बात कही जा रही है.
मुख्य बाजार और शहर के मुख्य पथों के किनारे पसरा कचरा उन दावों की पोल खोल रहा है. ज्ञात हो कि साफ-सफाई के प्रति गंभीरता दिखाते हुए नगर परिषद ने शहर में वार्ड की साफ-सफाई का जिम्मा एनजीओ के पास है.
कचरे का शहर बन गया मधेपुरा
शहर के मुख्य बाजार में पूर्णिया गोला चौक से लेकर सुभाष चौक तक कई जगह पर कचरे का ढेर लगा था. खास कर मुख्य बाजार में कई जगहों पर नियमित कचरे का उठाव नहीं किया गया था. वहीं बैंक रोड की स्थिति भी खराब है. इस रोड में नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण कई जगहों पर कूड़े का ढेर बना हुआ है. इन ढेरों के पास सुअरों का झुंड हमेशा मंडराते रहता है.
कूड़े की ढेर से उठती बदबू के कारण स्थानीय निवासी परेशान है. राहगीर नाक पर रूमाल रख कर आवागमन करने को विवश है. बाइपास रोड में भी सड़क के दोनों तरफ कचरे का अंबार लगा हुआ है. लोगों ने बताया कि कई दिनों से यहां सफाई कर्मी नहीं पहुंचे है. उठाव नहीं होने के कारण कचरे का ढेर रोज बढ़ता जा रहा है.
सड़क को देख नहीं होती है शहर वाली अनुभूति
नगर परिषद सफाई के प्रति जितना जिम्मेदार है. शहर में कचरों का ढेर भी उसी हिसाब से बढ़ता जा रहा है. कूड़ा कचरा के दुर्गंध से मुहल्लेवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुहल्ले में कचरे का ढेर लगा हुआ है, जो लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. वहीं स्थानीय लोग बताते हैं कि जब यह कचरा सड़ जाता है, तो मुहल्लेवासियों का जीना मुहाल हो जाता है.
मुहल्ला में कूड़े कचरे के अंबार व उसके दुर्गंध से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बनी रहती है. इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि इस संबंध में कई बार संबंधित कार्यालय को सूचित किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है.