बढ़ते तपिश से लोगों की बढ़ी मुश्किलें
लखीसराय : धूप के बढ़ते तपिश एवं ऊमस भरी गर्मी से लोगों की मुश्किलें बढ़ चुकी है. दोपहर को लोग घर या छायेदार जगह पर ही दुबके रहना पसंद करते हैं लेकिन गर्म हवा के झोंके से लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती है. दोपहर को लोग अगर जरूरी कार्य से निकलते हैं तो वे […]
लखीसराय : धूप के बढ़ते तपिश एवं ऊमस भरी गर्मी से लोगों की मुश्किलें बढ़ चुकी है. दोपहर को लोग घर या छायेदार जगह पर ही दुबके रहना पसंद करते हैं लेकिन गर्म हवा के झोंके से लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती है. दोपहर को लोग अगर जरूरी कार्य से निकलते हैं तो वे चेहरे पर गमछा, ओढ़नी लपेटना नहीं भूलते हैं. मंगलवार को लखीसराय का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहा. बढ़ते गर्मी को लेकर ईख का रस, बर्फ के गोले एवं लू से बचने के लिए कच्चा आम का डिमांड बढ़ चुका है.
अस्पताल में आेआरएस का पैकेट का भंडारण किया गया है. बढ़ते गर्मी एवं धूप के कारण सोमवार को तीन युवक एवं युवती बेहोश हो गये थे. जिसमें एक सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे. सदर अस्पताल में भर्ती कर स्लाइन चढ़ाया गया.
लोगों में चर्चा है कि कई वर्षों के बाद अप्रैल माह में इस तरह की धूप में तपिश एवं गर्म हवा के झोंके लोगों को परेशानी का कारण बना है. पिछले 10-12 दिनों में 41 से 43 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा है. जबकि पिछले साल मई के प्रथम सप्ताह 37 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा है.
लोगों का कहना है कि अप्रैल माह में ऊमस भरी गर्मी एवं एवं तपिश के साथ गर्म हवा के झोंका है तो मई-जून महीने में गर्मी एवं लू लोगों को जीना दुश्वार कर देगा. धूप एवं गर्मी के कारण सड़क, अस्पताल एवं कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा. सोमवार सदर अस्पताल में एके-दुक्के ही मरीज पहुंचे. जिससे कि अस्पताल के ओपीडी, रजिस्ट्रेशन काउंटर खाली रहा.
40 डिग्री से अधिक तापमान के बाद लोग तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया कि इनमें हीट फ्रेंटस यानि मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत होती है. धूप के कारण शरीर में ऐंठन होने लगती है तथा पूरे शरीर में दर्द होता है.
अधिक धूप होने बकी वजह से लोग हीट एग्र्जशन की चपेट में आ सकते हैं. इसमें सिर दर्द, शरीर में ऐंठन के साथ अन्य लक्षण दिखते हैं. गरमी अधिक होने के बाद लोग हीट स्टोक यानि लू की चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में घर से निकलने के पहले एहतियात जरूरी है. आंखें सुख सकती है. वहीं पिछले वर्ष मई के पहले सप्ताह 37 डिग्री के आसपास तापमान था.
बोले चिकित्सक
सदर अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि गर्मी के दिनों में शरीर में ग्लूकोज की कमी नहीं होने दें. दिन में ओआरएस का घोल, ग्लूकोज, जूस का उपयोग करना चाहिए. पूरे दिन प्रत्येक मनुष्य को चार से पांच लीटर पानी पीना चाहिए. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में ओआरएस उपलब्ध कराया गया है. वहीं सभी पीएचसी में स्लाइन को पूर्ण व्यवस्था की गयी है.
डॉ वाईके दिवाकर ने कहा कि गरमी मे लोगों को बुखार एवं सिर दर्द, शरीर में दर्द आदि की शिकायत हो रही है. लोग लू का शिकार हो रहे हैं. लोग लू से बचें. उसके लिये लोग प्रयाप्त मात्रा में पानी लें तथा घर से निकलें तो चीनी और नमक का घोंल पीकर निकलें. पूरे शरीर का कपड़ा पहनें तभी लू से बचा जा सकता है. चर्मरोग, खुजली आदि की शिकायतें भी बढ़ी है. ओपीडी में हीट स्टोक के मरीज भी पहुंच रहे हैं.