सदर अस्पताल में दवा के लिए कतार में परेशान होते हैं मरीज, काउंटर बढ़ाने की मांग
मधेपुरा : स्वास्थ्य विभाग में कर्मियों की कमी के कारण सदर अस्पताल में दो दवाई काउंटर पर दवाई के लिए इंतजार करते मरीज व उनके परिजन थक हार कर घर चले जाते है. कर्मचारियों की कमी के कारण सदर अस्पताल के ओपीडी में दवाई काउंटर के पास मरीजों की भीड़ लगी रहती है. कर्मचारियों की […]
मधेपुरा : स्वास्थ्य विभाग में कर्मियों की कमी के कारण सदर अस्पताल में दो दवाई काउंटर पर दवाई के लिए इंतजार करते मरीज व उनके परिजन थक हार कर घर चले जाते है. कर्मचारियों की कमी के कारण सदर अस्पताल के ओपीडी में दवाई काउंटर के पास मरीजों की भीड़ लगी रहती है.
कर्मचारियों की कमी के कारण सदर अस्पताल की व्यवस्था खुद बीमार लग रही है. सदर अस्पताल की ऐसी हालत है तो पीएचसी की हालत को बखूबी समझा जा सकता है.
ज्ञात हो कि आपको सदर अस्पताल इलाज कराने के बाद दवा लेने की जरूरत पड़ गयी तो आपको समय पर दवा नहीं मिलेगी. क्योंकि दवा काउंटर पर घंटों लंबी कतार लगने के बाद जब तक आप की बारी आयेगी तब तक वितरण काउंटर बंद हो चुका होगा. यह सिलसिला पिछले कई महीनों से चल रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं.
मरीज के साथ आये परिजन से लेकर सामाजिक संगठन तक कई बार चिकित्सा पदाधिकारी से दवाई काउंटर बढ़ाने की मांग भी कर चुके हैं. अधिकारी व कर्मियों की कमी का हवाला देकर टाल मटोल कर रहे हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी में दवाई काउंटर के पास दवाई नहीं मिलने से आक्रोशित लोग हंगामा भी करते है.
सरकारी अस्पताल में व्यवस्था की कमी
सदर अस्पताल के ओपीडी में दवा वितरण के लिए महज दो काउंटर होना मरीजों के लिए परेशानी का सबब है. वैसे मरीज व परिजन जिनके पास पैसा का अभाव है उनके लिए तो लाइन में लगना लाचारी बन गयी है. सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों में विश्वास की बहाली हुई है, लेकिन आवश्यक सेवाओं की कमी से लोग परेशान हो रहे है.
सैकड़ों मरीजों को दवा लेने के लिए महज एक पुरुष काउंटर और एक महिला काउंटर होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बाबत सिविल सर्जन डाॅ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि कर्मचारियों के अभाव में काउंटर नहीं बढ़ाया जा रहा है.