शिक्षकों का वेतन बंद किया जाना तुगलकी फरमान : प्रदेश अध्यक्ष
मधेपुरा : बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय स्तरीय बैठक गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित वेदव्यास महाविद्यालय में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रमंडलीय उपाध्यक्ष रामविलास कुमार ने की. बैठक में सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिला के प्रखंड, अनुमंडल व जिला संघ के सभी संघीय पदाधिकारी व प्रतिनिधि ने भाग लिया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप […]
मधेपुरा : बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय स्तरीय बैठक गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित वेदव्यास महाविद्यालय में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रमंडलीय उपाध्यक्ष रामविलास कुमार ने की.
बैठक में सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिला के प्रखंड, अनुमंडल व जिला संघ के सभी संघीय पदाधिकारी व प्रतिनिधि ने भाग लिया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की दोहरी नीति से सूबे के शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे दोस्त होते जा रही है. नई शिक्षा नीति 2019 की त्रुटियां दूर करने की जरूरत है. जिसमें शिक्षण व गैर शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी शिक्षकों को थोपा जाना शिक्षा के साथ पूर्णरूपेण मजाक है.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समान काम का समान वेतन मामले में न्यायालय से सरकार के दबाव में फैसले आए. जिससे शिक्षक मर्माहत है. सुप्रीम कोर्ट में समान काम का समान वेतन के निर्णय के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2015 में सेवा शर्त निर्धारण के लिए कमेटी बनाई गई थी. परंतु चार वर्ष बीतने के बावजूद सेवा शर्त लागू नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण रवैया है. साथ ही पुस्तक राशि वितरण मामले में प्रभारी शिक्षकों का वेतन बंद किया जाना तुगलकी फरमान है.
मौके पर सुपौल जिलाध्यक्ष पंकज कुमार जयसवाल, प्रधान सचिव पुष्पराज, सचिव अमर सहनी, सहरसा कार्यालय सचिव अमरेंद्र कुमार, मधेपुरा जिला सचिव भुवन कुमार, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार, उपाध्यक्ष जयकुमार ज्वाला, त्रिवेणीगंज अनुमंडल संयोजक अखिलेश बहादुर, जिला उपाध्यक्ष सुपौल रामप्रवेश यादव, रणधीर कुमार, सुपौल उपाध्यक्ष हरे राम कुमार, संतोष कुमार, सहरसा सोनबरसा कोषाध्यक्ष अजीज, मुरलीगंज प्रखंड अध्यक्ष भूपेंद्र यादव, सिंहेश्वर अध्यक्ष अजय आनंद, सचिव निशांत ठाकुर, आलमनगर अध्यक्ष मुकेश कुमार, सचिव विजय भगत आदि मौजूद थे.