एनीमिया काम व पढ़ने की क्षमता को करता है प्रभावित

मधेपुरा : सदर अस्पताल के सभागार में बुधवार को एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. वहीं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत आगामी कार्यों की रणनीति पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डीएस डाॅ सुमन कुमार मौजूद थे. मौके पर एसीएमओ डॉ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2019 6:09 AM

मधेपुरा : सदर अस्पताल के सभागार में बुधवार को एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. वहीं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत आगामी कार्यों की रणनीति पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डीएस डाॅ सुमन कुमार मौजूद थे. मौके पर एसीएमओ डॉ आशीष कुमार ने कहा कि एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है.

जो स्वास्थ्य व तंदरूस्ती के साथ-साथ काम करने व पढ़ने की क्षमता को भी विपरीत रूप से प्रभावित करती है. यह संसार में सबसे अधिक पाई जाने वाले पोषण संबंधित समस्याओं में से एक है. इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों में एनीमिया की समस्या रोक कर लोगों को तंदरूस्त बनाना है. इसके लिए सरकार द्वारा आयु समूहवार विभिन्न दवा की खुराक लोगों में दी जायेगी.
मौके पर डाॅ आशीष कुमार ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के लिए आयु समूहवार कार्य किया जायेगा. इस कार्य के तहत 10 से 19 वर्ष के किशोर व किशोरियों को शिक्षक के माध्यम से वर्ष में दो बार एल्बेंडाजॉल की खुराक दी जायेगी. वहीं विद्यालय नहीं जाने वाले किशोर-किशोरियों को आंगनबाड़ी द्वारा दवा की खुराक दी जायेगी.
इसी के साथ 20 से 24 वर्ष की महिलाएं जो धात्री व गर्भवती हो उन्हें आशा, एएनएम व सेविका द्वारा एल्बेंडाजॉल की खुराक दी जायेगी. इसी के साथ गर्भवती को द्वितीय तिमाही पर एल्बेंडाजॉल की एक खुराक दी जायेगी. वहीं आयु समूहवार एनिमिया के रोकथाम के लिए लोगों के बीच आइएफए गोली का वितरण किया जाएगा. कार्यक्रम में डीसीएम संजीव कुमार सिन्हा, अस्पताल प्रबंधक नवनीत चंद्रा, सीडीपीओ विनिता कुमारी पिंकी कुमारी, अंजू कुमार आदि मौजूद थे.

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