सड़कें जर्जर, स्ट्रीट लाइट हैं बंद

मधेपुरा : पूरे देश को समाजवाद की राह दिखाने वाले बीपी मंडल की नगरी मधेपुरा इतिहास के पन्नों में राजनीति के धुरंधरों के लिए पहली पाठशाला जरूर साबित हुई है, लेकिन देश के विभिन्न इलाके की चमचमाती सड़कें व जगमगाती रोशनी से स्थानीय अवाम अब भी कोसों दूर ही है. शहर से लेकर गांव तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2019 8:19 AM

मधेपुरा : पूरे देश को समाजवाद की राह दिखाने वाले बीपी मंडल की नगरी मधेपुरा इतिहास के पन्नों में राजनीति के धुरंधरों के लिए पहली पाठशाला जरूर साबित हुई है, लेकिन देश के विभिन्न इलाके की चमचमाती सड़कें व जगमगाती रोशनी से स्थानीय अवाम अब भी कोसों दूर ही है. शहर से लेकर गांव तक की बदहाल हो चुकी सड़क की दशा बिगड़ती ही जा रही है.

शाम होने के बाद अंधेरे से लिपटी मोहल्ले की सड़कों पर गुजरने में भी लोगों को भय होता है. स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक उदासीन नजर आते है. शहर के अंदर दो से तीन किमी के दायरे में सड़कों पर सैकड़ों जानलेवा गड्डे बने हुए है. शहर के बिजली खंभे पर लगे एलइडी लाइट शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.
खास इलाके की सड़क ज्यादा जर्जर:
शहर के बाइपास रोड स्थित पूर्व सांसद शरद यादव के घर के सामने से गुजरने वाली आरसीडी की सड़क जानलेवा बन गयी है. ऐसी ही स्थिति सांसद रोड की भी है. सड़क पर हल्की बारिश के बाद भी जलजमाव की हालत बन जाती है. बाइपास रोड की हालत सबसे खराब है. इस सड़क पर वाहनों के भव्य शो रूम भी है. लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है.
सांसद का भी आश्वासन काम नहीं आया: शहर की जर्जर सड़कों की हालत महीने भर के अंदर ठीक हो जायेगी. ऐसा आश्वासन सांसद दिनेश चंद्र यादव ने दिया था. क्षेत्रीय सांसद के कार्यकाल के सौ दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी सड़कों की सूरत नहीं बदल सकी है. स्थानीय अधिकारी भी आश्वासन का डोज लगातार दे रहे है. प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि निविदा कर दी गयी है. काम शीघ्र शुरू किया जायेगा.
गली-मोहल्ले में नहीं जलती है लाइट
नगर परिषद गली मोहल्ले को रोशन करने में भी अक्षम साबित हो रही है. स्थानीय लोग बताते है कि वर्षों से एलइडी लाइट खराब है. पार्षद से लेकर नप के पदाधिकारी तक आश्वासन देते रहते है. 29 सितंबर को कलश स्थापन के साथ ही फेस्टिव सीजन की शुरूआत हो जायेगी. ऐसे में सड़कों पर छाया अंधेरा लोगों को परेशान करेगी.
महीनों से स्विच है खराब
बाजार के कई हाई मास्ट लाइट भी स्विच में खराबी के चलते दिन में बेकार जलते रहती है. इससे भी खराब स्थिति अपने नगर परिषद की है. सारी स्थिति से अवगत होने के बावजूद नप के अधिकारी और विकास का राग अलापने वाले पार्षद न तो ऊर्जा को बचाने को आगे आ रहे हैं, न ही जनता की कट रही जेब को बचाने की पहल कर रहे हैं, जबकि नगर परिषद पर बिजली बोर्ड का बकाया लाखों में रहता है.

Next Article

Exit mobile version