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डॉक्टर रहते हैं गैरहाजिर, मरीज घंटों करते हैं इंतजार, नहीं होता उपचार

मधेपुरा : मरीजों को सही उपचार व ससमय इलाज के लिए सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन सदर अस्पताल की स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में मरीजों की बढ़ती भीड़ व डॉक्टरों की कमी को देखते हुये लोगों के बेहतर इलाज के लिए […]

मधेपुरा : मरीजों को सही उपचार व ससमय इलाज के लिए सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन सदर अस्पताल की स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में मरीजों की बढ़ती भीड़ व डॉक्टरों की कमी को देखते हुये लोगों के बेहतर इलाज के लिए दो महीने पूर्व जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के 37 डॉक्टरों की तैनाती सदर अस्पताल में की गयी, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.

लगातार ज्यादातर डॉक्टर नदारद दिख रहे हैं. मंगलवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में मेडिकल कॉलेज के ज्यादातर डॉक्टर अनुपस्थित नजर आये. वही सदर अस्पताल के डीएस से जब डॉक्टरों के तैनाती का रोस्टर मांगा तो उन्होंने यह कह कर बात टाल दिया कि रोस्टर अभी तैयार नहीं हुआ है.
वहीं अस्पताल के चतुर्थ वर्गीय कर्मियों ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ज्यादातर अनुपस्थित ही रहते हैं. शत प्रतिशत डॉक्टर नहीं आते लेकिन पिछले दो दिन से मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का आना और भी कम हो गया है. जेनरल वार्ड में मरीजों को इलाज के लिए सोमवार से शुक्रवार तक पांच डॉक्टरों की ड्यूटी दी गई है.
कहीं पांच के जगह दो डॉक्टर उपस्थित, तो कहीं पूरा चेंबर था खाली : सदर अस्पताल के जेनरल वार्ड में सोमवार से लेकर शुक्रवार तक पांच डॉक्टरों की तैनाती की गयी है. इसमें से मात्र दो डॉक्टर उपस्थित नजर आये. वही आंख, नाक, कान व गले विभाग में एक भी डॉक्टर उपस्थित नजर नहीं आये.
एक वर्षीय बच्चे के कान का इलाज करने आयी महिला जरीना खातून ने बताया पिछले चार दिनों से उसके बच्चे का कान में समस्या है. इसके कारण वह परेशान है. पिछले तीन घंटे से डॉक्टर के इंतजार में पूर्जा कटा कर बैठी हूं, लेकिन अभी तक कोई डॉक्टर नहीं आया.
टीका केंद्र में है एक कर्मी की तैनाती, लोगों को होती है परेशानी : दूर-दराज से अपने बच्चों के टीकाकरण के लिए आयी महिलाओं ने बताया कि टीका केंद्र मात्र एक कर्मी है. इस कारण टीका लगवाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है. टीकाकरण का कार्य सोमवार से शुक्रवार तक आठ बजे से लेकर 12 बजे तक ही होता है.
इस कारण दूर दराज से आयी महिलाओं को कई बार देर होने के कारण बिना टीकाकरण के लौटना पड़ता है. कई बार इन समस्याओं को लेकर अस्पताल प्रशासन से शिकायत भी की गयी, लेकिन कोई पहल अब तक नहीं हुई. अस्पताल प्रशासन की सुस्त रवैया के कारण दूर दराज से आयी महिलाओं की परेशानी बढ़ती जा रही हैं.
बदलते मौसम को लेकर बच्चे आ रहे हैं ठंड की चपेट में : कड़ाके की ठंड के कारण लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मौसम में आये अचानक बदलाव के कारण ज्यादातर बच्चे बीमारी की जकरन में आ रहे हैं. इस बाबत जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत
डॉ राकेश रोशन ने बताया कि मौसम के बदलाव को नवजात सहन नहीं कर पाते हैं. और मौसमी बदलाव के कारण बुखार, निमोनिया, खासी, जुकाम, उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों चपेट में आ जाते हैं.

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