अपने शहर को गढ़ने निकले हैं ये इंजीनियर

मधेपुरा : अपनी मेहनत और संघर्ष के बाद वे देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं. वे अपने शहर लौटे हैं इस उम्मीद के साथ कि यहां की नयी पौध को नयी दिशा दे सकें. मधेपुरा के कुछ छात्र जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अर्थात आइआइटी समेत देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 10:38 AM

मधेपुरा : अपनी मेहनत और संघर्ष के बाद वे देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं. वे अपने शहर लौटे हैं इस उम्मीद के साथ कि यहां की नयी पौध को नयी दिशा दे सकें. मधेपुरा के कुछ छात्र जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अर्थात आइआइटी समेत देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वे ‘उम्मीद’ समूह बना कर नयी पौध को आसमान छूने की कला सिखाना चाहते हैं.

उनमें उम्मीद जगाना चाहते हैं. आइआइटी खड़गपुर में अंतिम वर्ष के छात्र चेतन आनंद जीवन सदर रोड मधेपुरा के एक सामान्य परिवार से हैं. चेतन कहते हैं कि वह उम्मीद के रास्ते ऐसी प्रतिभाओं से जुड़ना चाहते हैं, जिनका सपना इंजीनियर व डॉक्टर बनने का है. ऐसे छात्रों के मन में तमन्ना है लेकिन सही रास्ता नहीं पता.

मधेपुरा के शास्त्री नगर में रहनेवाले श्रीकांत गांगुली भोपाल में आइआइएसइआर सेकेंड सेमेस्टर के छात्र हैं. इंजीनियरिंग के छात्र श्रीकांत गांगुली कहते हैं कि वह उम्मीद के माध्यम से गरीब व नि:सहाय बच्चों को रिसर्च और टेक्नोलॉजी की जानकारी से अवगत कराना चाहता हूं.

मधेपुरा शास्त्री नगर में रहनेवाले बीआइटी वेल्लूर के सेकेंड सेमेस्टर के छात्र सौरभ घोष का मानना है कि जब तक जिले के छात्रों में उम्मीद नहीं जगायी जायेगी, तब तक एक बेहतर समाज का निर्माण नहीं किया जा सकता है. इसके लिए उम्मीद टीम छात्रों को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने का सफल प्रयास कर रही है.

मधेपुरा जयपालपट्टी चौक के रहनेवाले बीआइटी वेल्लूर सेकेंड सेमेस्टर के छात्र अभिमन्यु कुमार का मानना है कि उम्मीद मधेपुरा के छात्रों के लिए एक उम्मीद बन कर आयी है. उम्मीद में मधेपुरा के ऐसे छात्र शामिल हैं जो देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इन छात्रों ने मधेपुरा के शिक्षा माहौल को बदलने व छात्रों की नयी पौध को सकारात्मक दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं.

मधेपुरा के रहनेवाले जिज्ञासु कुमार एनआइटी सूरत में सेकेंड सेमेस्टर के छात्र हैं. वे कहते हैं कि उम्मीद का मकसद है कि कैसे बेहतर व शिक्षित समाज का निर्माण हो. टीम उम्मीद ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा की और जागरूक करते हुए प्रतिभा को उभारने का कार्य शुरू किया है. इसे प्रोत्साहन मिलना चाहिए.

मधेपुरा वार्ड नंबर 14 में रहनेवाले एनआइटी सिलचर अंतिम वर्ष के छात्र अमित गुप्ता का कहना है कि वह उम्मीद के जरिये अमूमन उन सभी छात्रों के पास पहुंचना चाहते हैं, जो सही साधन न मिल पाने के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. हम अपनी ओर ऐसे सभी बच्चों को एक नयी ऊंचाई पर पहुंचाना चाहते हैं.

बीएनएमयू के स्नातक छात्र कुमार भारतेंदु कहते हैं कि वे उम्मीद के सहारे मधेपुरा जैसे सुदूर क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाना चाहते हैं. भारतेंदु निर्धन छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं.

वहीं बीएनएमयू से स्नातक कर रहे राहुल आनंद भी बढ़-चढ़ कर उम्मीद के साथ काम कर रहे हैं. वह कहते हैं कि उनके मित्र यहां आ कर कुछ अलग हट कर करना चाहते हैं तो वह भी हर कदम पर उनका साथ देंगे.

वह तमाम गरीब तबके के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के साथ साथ छात्रों को शिक्षित करने में अपना हर संभव सहयोग करना चाहते हैं.

उम्मीद टीम के सदस्य साकेत सौरभ, सेतु राज, श्रीकांत राय व अमन कुमार ने बताया कि उम्मीद एक सपना है.

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