आग व गरीबी ने ले ली केंदुला की जान
फोटो – मधेपुरा 02कैप्शन – सदर अस्पताल में भरती केंदुला की यह तसवीर गुरुवार को ली गयी थी. कपड़ा सुखाने के लिए लगायी आग ने ले महिला की जान डॉक्टरों ने पीएमसीएच किया था रेफर, लेकिन गरीबी के कारण नहीं ले जा सके परिजन प्रतिनिधि, मधेपुराआग में झुलसने के बाद भरती की गयी केंदुला देवी […]
फोटो – मधेपुरा 02कैप्शन – सदर अस्पताल में भरती केंदुला की यह तसवीर गुरुवार को ली गयी थी. कपड़ा सुखाने के लिए लगायी आग ने ले महिला की जान डॉक्टरों ने पीएमसीएच किया था रेफर, लेकिन गरीबी के कारण नहीं ले जा सके परिजन प्रतिनिधि, मधेपुराआग में झुलसने के बाद भरती की गयी केंदुला देवी की सदर अस्पताल में शुक्रवार की सुबह मौत हो गयी. महिला सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र के पामा वार्ड नंबर नौ की रहने वाली थी. केंदुला को चार दिन पहले सदर अस्पताल में भरती कराया गया था. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया था, लेकिन गरीबी के कारण केंदुला के परिजन उसे कहीं भी ले जाने में असमर्थ थे. अंतत: चार दिन तक मौत के साथ संघर्ष में केंदुला हार गयी. पति मनोज यादव ने बताया कि केंदुला देवी 11 जनवरी की शाम घर में थी. उसके चार महीने की बच्ची ने उसकी गोद में पेशाब कर दिया. गीली होने पर साड़ी सुखाने के लिए केंदुला ने आग जलाया. आग की तेज लपट के कारण साड़ी में भी आग लग गयी. देखते ही देखते केंदुला के ऊनी कपड़ों में आग लग गयी. जब तक परिजन देखते और आग बुझा पाते केंदुला बुरी तरह झुलस गयी. परिजनों ने केंदुला को सदर अस्पताल में भरती कराया, लेकिन अधिक झुलसने के कारण डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया था. लेकिन परिजन गरीबी के कारण उसे पटना नहीं ले जा सके. इलाज सदर अस्पताल में ही होता रहा. डॉ पी भास्कर व अन्य डॉक्टरों केंदुला के परिजनों से बार-बार पटना ले जाने लिए कहते रहे. आखिरकार 16 जनवरी को चार बजे सुबह केंदुला की मौत हो गयी.