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सिंहेश्वर में मातम, साथ-साथ जलीं दो चिताएं

* घायल राजेश की मौत के बाद दुर्गापट्टी के अखिलेश की भी टेलर से टकरा कर हुई मौतसिंहेश्वर : सड़क हादसे में सिंहेश्वर दुर्गा चौक के पास घायल हुये युवक राजेश कुमार साह की मौत के बारे में लोग ठीक से जान भी नहीं पाये थे कि सिंहेश्वर के लालपुर पंचायत स्थित रामपट्टी गम्हरिया टोला […]

* घायल राजेश की मौत के बाद दुर्गापट्टी के अखिलेश की भी टेलर से टकरा कर हुई मौत
सिंहेश्वर : सड़क हादसे में सिंहेश्वर दुर्गा चौक के पास घायल हुये युवक राजेश कुमार साह की मौत के बारे में लोग ठीक से जान भी नहीं पाये थे कि सिंहेश्वर के लालपुर पंचायत स्थित रामपट्टी गम्हरिया टोला गांव के अखिलेश की जान जिले के ग्वालपाड़ा के पास हुये एक सड़क दुर्घटना में चली गयी. बुधवार की सुबह अखिलेश का शव पोस्टमार्टम कराने के बाद गांव लाया गया. जैसे ही अखिलेश का शव गांव पहुंचा हर तरफ से क्रंदन व चीत्कार सुनायी देने लगा.

पिता हरेंद्र झा व मामा कुमोद झा दिल पर पत्थर रख कर ऑटो से जवान बेटे की लाश ले कर गांव पहुंचे. मानों हर कदम पर किसी ने जैसे टनों बोझ रख दिया हो. मां मुन्ना देवी को तो संभालना मुश्किल हो रहा था. लोग कह रहे थे कि शायद ही उसके प्राण बचें. एक मात्र जवान पुत्र को खो देने का दुख पहाड से भी ज्यादा बड़ा होता है.

चचेरे भाई भवेश झा ने बताया कि मंगलवार को प्रखंड कार्यालय से मूंग का बीज ला कर घर में रखा था. उसी शाम छह बजे ममेरा भाई विद्याकांत झा उसे कहीं ठेका दिलाने की बात कह कर मोटरसाइकिल से ले गया और देर रात उसके दुर्घटना की खबर मिली.

पिता हरेंद्र झा ने बताया कि अखिलेश की दुर्घटना की खबर सुन जब यहां से ग्वालपाड़ा के लिये चल पड़े तो पुलिस ने बताया कि उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल भेज दिया गया है. जब अखिलेश मिला तो. इसके बारे हरेंद्र कुछ कह नहीं पाते.

बस इतना कह सके कि जवान बेटे की अर्थी को कंधा देने से तो अच्छा होता कि वह भी मर जाते. दुर्घटना से पूरा गांव सकते में है. एक बेटा अखिलेश और एक बेटी रंजू. विवाहित रंजू अपने भाई के नहीं रहने की बात पर अब भी यकीन नहीं कर पा रही है. वह अपने भाई की शादी के सपने संजो रही थी. सब खत्म हो गया. घटना से आहत ग्रामीण अखिलेश के व्यक्तित्व की चर्चा कर रहे थे.

* राजेश का हुआ अंतिम संस्कार
सिंहेश्वर : सोमवार की आधी रात को सड़क हादसे में सिंहेश्वर दुर्गा चौक के पास बोलेरो की टक्कर से घायल हुये युवक राजेश कुमार साह की मंगलवार की शाम मौत हो गयी. बुधवार को राजेश का अंतिम संस्कार किया गया. करीब 30 वर्ष के राजेश का विवाह करीब आठ माह पहले सहरसा जिले के राजा सोनवर्षा स्थित परसनवां में हुई थी.

अभी तो उसकी नवविवाहिता पत्नी पिंकी ने लाह की चूड़ियां भी नहीं उतारी थी. कुछ ही दिन पहले पति को ठीक से रहने की मनुहार कर मायके गयी थी. परिजनों ने बताया कि वह सिंहेश्वर में श्रद्ध का भोज खा कर घर लौट रहा था. घर के सामने ही पिपरा की ओर से एक तेज रफ्तार सफेद रंग की बोलेरो ने उसे रौंद दिया. बोलेरो की रफ्तार इतनी तेज थी कि राजेश सड़क के इस पार से उस पार जा कर गिरा.

परिजन उसे पीएचसी ले गये जहां से उसे मधेपुरा रेफर कर दिया. यहां भी डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये बाहर रेफर कर दिया. परिजन राजेश को बाहर ले जाने की तैयारी में घर ले आये, जहां उसकी मौत हो गयी.

* अखिलेश की मौत दुर्घटना या साजिश !
सिंहेश्वर : सिंहेश्वर के लालपुर पंचायत स्थित रामपट्टी गम्हरिया टोला गांव अखिलेश के नहीं रहने पर मातम में है. लेकिन अखिलेश की मौत को दुर्घटना मानने के लिये कोई तैयार नहीं. पिता हरेंद्र झा कहते हैं कि अखिलेश व विद्याकांत में पिछले कुछ माह से असहज संबंध थे. मंगलवार को विद्याकांत ने उसे ग्वालपाडा की तरफ ही एक लाख रुपये का ठेका दिलाने की बात कह कर ले गया था.

प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें बताया कि अखिलेश सड़क पर जब गिरा हुआ था तो विद्यानंद उसकी जेब की तलाशी ले रहा था. जब आसपास के लोग दौड़े तो विद्याकांत अखिलेश का मोबाइल ले कर मोटरसाइकिल ले भाग गया.

वह सवाल उठाते हैं कि आखिर अगर यह दुर्घटना है तो विद्याकांत उसकी तलाशी क्यों ले रहा था व लोगों के वहां पहुंचने पर वह भागा क्यों? लोगों ने बताया कि एक ईंट लदे ट्रैक्टर के टेलर से यह दुर्घटना हुई. अगर यह दुर्घटना थी तो मोटरसाइकिल भी गिरती व विद्याकांत भी घायल होता. लेकिन वह फरार हो गया. ऐसे कई सवाल अखिलेश की हत्या की साजिश की शंका को और पुख्ता कर रहे हैं कि उसे मार कर दुर्घटना का रूप दिया है!

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