नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बरबाद
प्रतापगंज से सिंहेश्वर जाने वाली नहर बेहरारी के समीप 27 आरडी तटबंध का पूर्वी भाग में पानी बढ़ने के कारण नहर ध्वस्त हो गया. शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेहरारी वार्ड नंबर दो में नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी गेहूं, आलू, तेलहन व दलहन का फसल बरबाद हो गया. जानकारी के […]
प्रतापगंज से सिंहेश्वर जाने वाली नहर बेहरारी के समीप 27 आरडी तटबंध का पूर्वी भाग में पानी बढ़ने के कारण नहर ध्वस्त हो गया.
शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेहरारी वार्ड नंबर दो में नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी गेहूं, आलू, तेलहन व दलहन का फसल बरबाद हो गया. जानकारी के अनुसार प्रतापगंज से सिंहेश्वर जाने वाली नहर बेहरारी के समीप 27 आरडी तटबंध का पूर्वी भाग बुधवार की सुबह अचानक में पानी बढ़ने के कारण नहर टूट गयी. जिससे बेहरारी पंचायत के करीब दर्जनों किसान के सैकड़ों एकड़ खेत में लगे रबी की फसल बरबाद हो गया.
इससे आने वाले समय में किसानों को अनाज के लाले पड़ने की संभावना है. ज्ञात हो कि यहां के किसान रबी फसल पर ही निर्भर रहता है. प्रत्यक्षदर्शी किसान जगदीश चौधरी, बालेश्वर यादव, बिंदेश्वरी यादव, चंदशेखर यादव, श्रीलाल सरदार, मनोज कुमार, गजेंद्र यादव, विष्णुदेव यादव ने बताया कि नहर में पानी का दबाव बढ़ने के कारण नहर का पूर्वी तटबंध टूट गया. जब तक लोग कुछ समझ पाते कि पानी का करंट इतना तेज था कि नयानगर मौरा से गिद्घा जाने वाली पक्की सड़क को गुहिया सरदारी टोला के समीप तोड़ दिया. रोड से पूरब कई एकड़ में लगे फसल को बरबाद हो गया.
इसकी सूचना दूरभाष से सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता को दिया गया. लोगों ने कहा कि इस सड़क व आरसीसी पुल का निर्माण दो वर्ष पूर्व में ही हुआ था. वहीं नहर प्रहरी के द्वारा संपूर्ण रूप से देख भाल नहीं करने के कारण घटना को अंजाम दिया जाता है, लेकिन समय-समय पर पानी बहाव को सुचारु रखने के लिए तटबंध की भी मरम्मत की जाती हैं, लेकिन घटना से प्रतीत होता है कि इन सभी कार्य की सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है. चार माह पूर्व भी एमबीसी नहर हरिराहा के समीप मरम्मत कार्य के दो दिन बाद ही टूट गया था. जिससे कई एकड़ फसल बरबाद हो गया था. आज तक किसानों के फसल क्षति का मुआवजा भी नहीं मिला है
बार – बार होती है नहर की मरम्मत : 2008 में आयी बाढ़ के बाद क्षतिग्रस्त नहर का मरम्मत करवाया गया था. ग्रामीणों कहते है कि मरम्मत तो बार – बार कर दिया जाता है, लेकिन कुछ दिन बाद नहर में अत्यधिक पानी आने से नहर का बांध टूट जाता है. अगर सही तरह से बांध की मरम्मत की जाय तो शायद किसानों के फसल क्षति होने से बच पायेगा, लेकिन नहीं पदाधिकारियों के द्वारा कार्य के समय में समुचित ध्यान नहीं दिया जाता है.