ओवरब्रिज के लिए राशि दिलाएं सांसद

सहरसा मुख्यालय: शहर का बंगाली बाजार और यहां सड़क के बीचोबीच गुजरा रेल लाइन. सहरसा के राजनैतिक, प्रशासनिक व सामाजिक प्रयासों के अंतरिम विफलता की कहानी कहता है. पहली बात तो यह कि कोई इस होकर जाना नहीं चाहता है. जाने से पहले दूर से ही रेलवे के चार फाटकों को निहारते है. आसमान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2015 12:35 PM
सहरसा मुख्यालय: शहर का बंगाली बाजार और यहां सड़क के बीचोबीच गुजरा रेल लाइन. सहरसा के राजनैतिक, प्रशासनिक व सामाजिक प्रयासों के अंतरिम विफलता की कहानी कहता है.

पहली बात तो यह कि कोई इस होकर जाना नहीं चाहता है. जाने से पहले दूर से ही रेलवे के चार फाटकों को निहारते है. आसमान में चारों दिखा, मतलब रास्ता खुला है और तब जल्दबाजी में पार कर चैन की सांस लेते हैं नहीं तो वे अपना रास्ता बदल लेते हैं. यहां से गुजरने वाले लोग यहां के राजनेताओं को भला-बुरा कहते ही आगे बढ़ते हैं.

सांसद व बजट से बनी है उम्मीद
कुछ दिनों पूर्व ओवर के लिए अनशन करने वाले आंदोलनकारियों को सांसद पप्पू यादव ने यह कहते अनशन समाप्त कराया था कि लोकसभा सत्र के बाद वे रेल मंत्री से मिल बजट में अधिक से अधिक राशि दिलाने व निर्माण कार्य शुरू कराने में जुट जायेंगे. 17 दिनों के बाद 26 फरवरी को सदन में रेल बजट पारित होना है. बजट से स्थानीय लोगों ने काफी उम्मीदें बना रखी है. उन्हें विश्वास है कि इस बार सांसद के प्रयास से ओवरब्रिज निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. हालांकि ओवरब्रिज को लेकर लोग इतने ठगे जा चुके हैं कि उन्हें अब किसी पर विश्वास नहीं होता. कहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर के नेता शरद यादव, क्षेत्र में विकास कार्य से परिचय कराने वाले सांसद दिनेश चंद्र यादव ने भी अपने कार्यकाल में खूब भरोसा दिलाया था. लेकिन काम कुछ भी आगे नहीं बढ़ सका.

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