बैंक की कार्यशैली से परेशान हैं पेंशनधारी
80 वर्ष की आयु पार करने के बाद पेंशन राशि में 20 फीसदी महंगाई भत्ता जोड़ने में बैंक नहीं ले रहा दिलचस्पी बुढ़ापे में बैंक आने-जाने में असमर्थ पेंशनधारी इस रवैये से हैं परेशान प्रतिनिधि, मधेपुराएक तरफ बैंक पेंशनधारियों को सबसे सरल उपभोक्ता मानता है. वहीं दूसरी ओर पेंशनधारियों को बैंक में परेशानी का सामना […]
80 वर्ष की आयु पार करने के बाद पेंशन राशि में 20 फीसदी महंगाई भत्ता जोड़ने में बैंक नहीं ले रहा दिलचस्पी बुढ़ापे में बैंक आने-जाने में असमर्थ पेंशनधारी इस रवैये से हैं परेशान प्रतिनिधि, मधेपुराएक तरफ बैंक पेंशनधारियों को सबसे सरल उपभोक्ता मानता है. वहीं दूसरी ओर पेंशनधारियों को बैंक में परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्टेट बैंक हो या सेंट्रल बैंक पेंशन शाखा के प्रभारी अपने दायित्वों का निर्वाह समय पर और तत्परता से करने में विफल हो रहे हैं. जिला पेंशनर एसोसिएशन के कार्यकारी जिला मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की आयु पूरी करने पर पेंशन धारी को 20 प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ कर भुगतान होना चाहिए. सिंहेश्वर अंचल कार्यालय के पूर्व प्रधान सहायक शिव दयाल भगत कहते ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2013 में ही 80 साल की उम्र सीमा पार कर ली. उनके पेंशन राशि में 20 फीसदी महंगाई भत्ता व जोड़ कर भुगतान होना चाहिए था. इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक सिंहेश्वर का चक्कर काट कर थक गये हैं. हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. अब तक भुगतान नहीं हुआ. यही हाल निबंधन विभाग से सेवा निवृत्त द्वारिका प्रसाद बैठा का है. उनकी आयु भी 80 साल से ज्यादा हो चुकी है. 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए स्टेट बैंक के प्रभारी पदाधिकारी के आगे-पीछे कर रहे हैं. अब तो चलने से भी असमर्थ हो गये हैं, लेकिन बैंक वाले पेंशन धारियों के प्रति आत्मीयता का कतई रिश्ता नहीं रखते.