बैंक प्रबंधक पर होगी प्राथमिकी
मधेपुरा: शिक्षित बेरोजगार युवक व युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में बाधक बनने वाले बैंक प्रबंधकों के खिलाफ उद्योग विभाग प्राथमिकी दर्ज करायेगी. इस बाबत उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिला पदाधिकारी को पत्रंक 1013/15 भेज कर बिना किसी ठोस कारण के ऋण के आवेदन को अस्वीकृत करने वाले शाखा प्रबंधकों […]
मधेपुरा: शिक्षित बेरोजगार युवक व युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में बाधक बनने वाले बैंक प्रबंधकों के खिलाफ उद्योग विभाग प्राथमिकी दर्ज करायेगी. इस बाबत उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिला पदाधिकारी को पत्रंक 1013/15 भेज कर बिना किसी ठोस कारण के ऋण के आवेदन को अस्वीकृत करने वाले शाखा प्रबंधकों को चिह्न्ति करने का निर्देश दिया है. संबंधित चिह्न्ति बैंक पदाधिकारियों पर स्वेच्छाचारिता के कारण उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है.
ज्ञात हो कि उद्योग विभाग के मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की उपलब्धि की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पीएमइजीपी अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में निर्धारित राज्य का भौतिक लक्ष्य 76/45 व वित्तीय लक्ष्य (माजिर्न मनी) 110.73 करोड़ के विरुद्ध जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति के द्वारा 12 हजार पांच सौ 62 आवेदन पत्र विभिन्न बैंक शाखाओं को ऋण स्वीकृति व भुगतान के लिए भेजा गया था, लेकिन बैंकों द्वारा अब तक मात्र एक हजार नौ सौ 18 ऋण आवेदनों की स्वीकृति की दी गयी, लेकिन इन आवेदनों में से भी अब तक मात्र पांच सौ 53 आवेदकों का ऋण भुगतान किया गया है, जिसका ऋण भुगतान मात्र 9.39 करोड़ है. इस प्रकार पीएमइजीपी योजना में लक्ष्य की उपलब्धि मात्र 8.48 प्रतिशत रहा.
आवेदन बैंक में लंबित
समीक्षा के क्रम में जिला उद्योग केंद्रों के महा प्रबंधकों द्वारा यह भी बताया गया कि उद्योग विभाग द्वारा चयनित आवेदन पत्रों को बैंक शाखाओं के द्वारा बिना कोई समुचित कारण के सिर्फ प्रस्ताव बैंक हित में नहीं, आवेदक से भेंट नहीं हुआ आदि कारण या आपत्ति लिख कर आवेदन पत्रों को वापस भेज दिया जाता है. इसके अलावा चयनित अधिकांश आवेदन पत्र काफी समय से बैंकों में लंबित पड़े हुए है. बैंक शाखा प्रबंधकों की स्वेच्छाचारिता व गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण योजना की प्रगति असंतोष जनक है.
समीक्षा के बाद उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने सभी डीएम को पत्र भेज कर निर्देश दिया कि बैंक शाखाओं व बैंक के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर यह चिह्न्ति किया जाय कि आवेदन को किस आधार पर अस्वीकृत किया गया है. अगर बिना ठोस कारण के बेरोजगार युवक व युवतियों को ऋण देने में बैंक प्रबंधक मनमानी करते है तो ऐसे बैंक प्रबंधक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाय.