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मधेपुरा में महादलित महिलाओं के नाम पर लोन घोटाला, 9 फाइनेंस कंपनी से 50 लाख लेकर महिला फरार

मधेपुरा में सैंकड़ों महिलाओं के नाम पर लोन लेकर एक महिला फरार हो गई. फरार महिला ने 9 फाइनेंस कंपनियों से 50 लाख का लोन लिया

मधेपुरा के सिंहेश्वर के लालपुर स्थित महादलित टोला वार्ड संख्या 11 की सैकड़ों महिलाओं के नाम से लोन निकालकर एक शातिर महिला फरार हो गयी. इस बात का पता तब चला जब फाइनेंस कंपनी के कर्मी टोला पर पहुंच कर जबरन लोन के पैसे की मांग करने लगे. इस कांड में नौ फाइनेंस कंपनी से महादलित महिलाओं के नाम से लगभग 50 लाख से अधिक की राशि लेकर फाइनेंस कंपनी द्वारा मनोनीत महिला लेकर फरार हो गयी है. जब फाइनेंस कंपनी के लोग महिलाओं के घर पहुंचे तब सभी महिला उक्त शातिर महिला के घर पहुंचे तो उसके घर में ताला लटका पड़ा मिला. सभी महिला महादलित समुदाय से आती है.

कहती है समूह की महिला

समूह की महिला अनिता देवी, तुलामैन देवी, निकु देवी, शांति देवी, रंभा देवी, मंडिका देवी, रंजू देवी, संतोलिया देवी, पूनम देवी, ममता देवी सहित सैकड़ों महिलाओं ने कहा कि कंपनी द्वारा दिये गये लोन को नहीं जानती है. फाइनेंस कंपनी किसी भी महिला से नहीं मिला था. उक्त फरार महिला लोन के पैसे समय से पहले जमा कर देती थी, ताकि किसी को इस बात की भनक नहीं लगे. फरार महिला के घर से सभी महिलाओं को उनके नाम से लोन से संबंधित कागजात मिली. इसमें कई महिलाओं का विभिन्न फाइनेंस कंपनी में नौ महीने से अधिक की राशि जमा नहीं किया गया है.

इन कंपनी ने लोन दिया. जिनमें फ्यूजन माइक्रो फाननेंस बैंक, मुथुट माइक्रोफिन लिमिटेड, आईआईएफएल समस्ता फाइनेंस लिमिटेड, भारत फाइनेंशियल इंक्लूज़न लिमिटेड, सेव माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड, सरला डेवलपमेंट एंड माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड, स्वतंत्र माइक्रोफीन प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. हालांकि इसमें एचडीबी फाइनेंशियल इंक्लूज़न लिमिटेड कंपनी का महिलाओं के पास दो किस्त ही बकाया रह गया है. शेष सात बैंक का बकाया करीब छह महीने से ऊपर का बकाया बताया जा रहा है.

फाइनेंस कंपनी ने फरार महिला पर जताया था भरोसा

लोन लेने वाली महिलाओं की माने तो सभी का कहना था कि कंपनी द्वारा मीना देवी के पास लोन जमा करने की बात कही गई थी. ताकि लोनी महिला और कंपनी को सुविधा हो. महिलाओं का लोन भी उक्त महिला के द्वारा ही पास कराया जाता था. जिसके कारण फाननेंस कंपनी से महिला के अच्छे रिश्ते बन गए थे. अपने साख के बल पर 30 हजार से 65 हजार तक लोन पास करवा देती थी. इस मामले में कंपनी भी कम दोषी नहीं है. वे समय- समय पर समूह की महिला के बीच कई बैठक भी नहीं करता था और सारी जिम्मेदारी फरार महिला को दे दी गई थी.

फरार महिला ने भी लिया लोन , सीएसपी जांच के दायरे में

फरार महिला ने भी खुद कई माइक्रो फाननेंस कंपनी से लोन ले रखी थी. लेकिन खुद के खाते को अपडेट कर के रखा था. ये सारा खेल एक साल से अधिक से चल रहा था. उक्त महिला द्वारा दो सीएसपी को चिन्हित किया गया था. जहां लोन लेने वाली महिलाओं को रूपया निकालने ले जाती थी. निकु देवी, तुलामन देवी, आशा देवी, नीतू देवी आदि ने बताया कि मीना देवी द्वारा उन्हें पोस्ट ऑफिस रोड व दुर्गा चौक स्थित एक सीएसपी पर अंगूठा लगाने के लिए ले जाया करती थी.

अंगूठा लगाने के बाद सीएसपी संचालक और उक्त महिला द्वारा कहा जाता था कि लिंक फेल है. इसलिए आपके रूपया का निकासी नहीं हुआ है. लेकिन इस बीच राशि निकाल ली जाती थी. इस मामले में फरार महिला और दोनों सीएसपी संचालक के मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता.

लोन के लिए फोटो में पति भी बदला

पीड़ित महिलाओं ने बताया कि फरार महिला मीना देवी इतनी शातिर थी कि यदि किसी महिला का पति लोन लेने से इंकार कर देता था तो किसी अन्य पुरुष के साथ महिला का फोटो मिक्सिंग कराकर लोन को पास करवा देती थी. और फिर लोन की निकासी कर लेती थी. इस मामले में कई महिलाओं का गैर पुरुष के साथ फोटो खिंचवा कर लोन की निकासी कर सारी राशि फरार महिला को ले लेती थी. क्योंकि उस महिला का कहना था की अपना लोन दे दो मैं सबका जमा करवा दूंगी.

घर में हुई अनबन

अपने पत्नी के साथ किसी अन्य पुरुष को देख रंजू देवी, सरिता देवी, मंजू देवी सहित दर्जनों महिला की सामत आ गयी है. इन महिलाओं का कहना था की कंपनी द्वारा दी गई पासबुक मीना देवी के पास ही जमा था. जो पासबुक महिला के ससुर के द्वारा दिया गया. उस पासबुक को लेकर जब वे घर गए तो पति ने नाराजगी जताते हुए पत्नी को धमकी तक दे डाली है की लोन की राशि फोटो वाले से जमा करवा लो.

अब महिलाएं करें तो क्या करें रूपया भी हाथ से निकल गया कहीं पति न हाथ से निकल जाय. बहरहाल इस मामले में सीएसपी, फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी और फरार महिला के बीच सांठ- गांठ से इंकार नहीं किया जा सकता.

थानाध्यक्ष बीरेंद्र राम ने बताया कि जानकारी नहीं है. अब तक किसी के द्वारा आवेदन भी नहीं दिया गया है. आवेदन प्राप्त होने के बाद प्राथमिकी दर्ज करते हुये कार्रवाई की जायेगी.

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