असतो मां सद्गमय, तमसो मां ज्योतर्गिमय

असतो मां सद्गमय, तमसो मां ज्योतिर्गमय फोटो – मधेपुरा 06कैप्शन – मधेपुरा. शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्र मंगलवार को मंत्रोच्चारण के साथ हुए कलश स्थापना के साथ शुरू हो गया. प्रथम दिन भक्तों ने मां शैल पुत्री की आराधना की. नवरात्रा के शुरू होते ही जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिला क्षेत्र का माहौल भक्तिमय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 6:39 PM

असतो मां सद्गमय, तमसो मां ज्योतिर्गमय फोटो – मधेपुरा 06कैप्शन – मधेपुरा. शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्र मंगलवार को मंत्रोच्चारण के साथ हुए कलश स्थापना के साथ शुरू हो गया. प्रथम दिन भक्तों ने मां शैल पुत्री की आराधना की. नवरात्रा के शुरू होते ही जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिला क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया है और शहर के बड़ी दुर्गा मंदिर, रेलवे स्टेशन परिसर स्थित दुर्गा मंदिर, बंगला स्कूल दुर्गा मंदिर और गोशाला परिसर स्थित मंदिर में भव्य रूप से नवरात्रा का आयोजन किया जाता है. वहीं सिंहेश्वर बाजार स्थित दुर्गा चौक और प्रसिद्ध सिंहेश्वर नाथ मंदिर परिसर में मैया की आराधना धूम धाम से की जाती है. इन जगहों पर भव्य पंडाल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. वहीं नवरात्रा को लेकर सभी घरों में कलश स्थापना किया गया है. — आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में होता है कलश स्थापना — शरदीय नवरात्र का प्रारंभ आश्विन मास की शुक्ल पक्ष के साथ कलश स्थापना से शुरू हो गया. यह पर्व प्राय: कन्या व तुला की संक्रांति पर आती है. महर्षि वेदव्यास रचित मार्कण्ड पुराण में 360 शक्तियों का वर्णन है. जिसे दुर्गा सप्तशती कहते हैं,जिन्हें भक्तिगण भक्तिभाव से पाठ करते हैं. दुर्गा सप्तशती के तीन चरित्र है, जिनमें प्रथम महाकाली अग्नि तत्व है,दूसरा महालक्ष्मी मायाबीज वायु तत्व है,तीसरा महा सरस्वती सूर्य तत्व है. पाठक को पाठ करते समय कई दोष से मुक्त रहना चाहिए. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी प्रकार की चिंता दूर हो जाता है. — मां की भक्ति मनोवांछित फलदायी— महराजा सुरथ ने महर्षि मेधा से कहा था कि राजन सर्व शक्ति रूपा मां भगवती ही भोग और मोक्ष को देने वाली है. भक्तों में मानस का अर्थ अच्छा मन एवं मेधा भक्ति है. जिस मां भगवती के बगैर भगवान शिव भी अधूरे हैं उनकी भक्ति शारदीय नवरात्र में करना मनोवांछित फल देता है.— मां दुर्गा का वाहन सिंह क्यों — मां दुर्गा का वाहन सिंह उग्रता एवं हिंसक प्रवृत्तियों का प्रतीक माना जाता है.मां दुर्गा सिंह पर सवार हैं, इसका मतलब यही है कि जो उग्रता और हिंसक प्रवृत्तियों पर नियंत्रण पा सकता है, वही शक्ति है. मां दुर्गा हमेश संदेश देती है कि जीवन में बुराई और अधर्म पर नियंत्रण कर हम भी शक्ति संपन्न बन सकते हैं.

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