दबंगों के खौफ से समाहरणालय गेट पर महादलितों ने गुजारी रात
प्रतिनिधि : मधेपुरा सदर प्रखंड के बराही हसनपुर पंचायत स्थित वार्ड नंबर चार महादलित टोला में सोमवार की शाम हुई मारपीट के बाद दबंगों के खौफ से सहमे महादलित अपने घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. खौफजदा लोग आधी रात तक समाहरणालय गेट पर बैठ कर रात गुजारने के लिए मजबूर थे. […]
प्रतिनिधि : मधेपुरा सदर प्रखंड के बराही हसनपुर पंचायत स्थित वार्ड नंबर चार महादलित टोला में सोमवार की शाम हुई मारपीट के बाद दबंगों के खौफ से सहमे महादलित अपने घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. खौफजदा लोग आधी रात तक समाहरणालय गेट पर बैठ कर रात गुजारने के लिए मजबूर थे.
पीड़ित लोगों ने बताया कि शाम हुई घटना के बाद सदर थाना सहित घटना की जानकारी मधेपुरा एसपी फोन कर दिया. लेकिन देर रात तक पीडि़तों की शिकायत सुनने के बजाय सदर थाना पुलिस महादलितों को महिला थाना और एससी एसटी थाना के चक्कर कटवा रही थी. मामला पुरानी रंजीस और भूमि विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है.
— महिला को पिट कर किया अधमरा — समाहरणालय गेट पर बैठे महादलितों ने बताया कि सोमवार की शाम जलावन चुनने गयी फुलेश्वर ऋषिदेव की पत्नी संतोलीया देवी अपनी 10 वर्षीय बेटी रोशन कुमारी के साथ लोट रही थी. रोशन गलती से दबंगों के खेत में चली गयी. जिससे आक्रोशित सुरेश यादव, प्रदीप यादव सहित अन्य रोशन को पीटने लगे.
संतोलिया देवी जब अपी बेटी को अचाने पहुंची तो आरोपियों ने मां को पीट – पीट कर अधमरा कर दिया. — शाम से भटकते रहे महादलित — घटना के बाद सभी महादलित अचेत संतोलिया को लेकर सदर अस्पताल पहुंच. जहां चिकित्सकों ने उपचार प्रारंभ किया. इस दौरान आरोपी पक्ष के पैरवीकार सदर अस्पताल पहुंच कर मामले की लिपा-पोती में जुटे रहे.
रसुखदारों की पैरवी रहने के कारण मामला मारपीट का रहने के बावजूद सदर अस्पताल से ओडी स्लिप थाना नहीं भेजा गया. बार – बार कहने के बावजूद चिकित्सक ओडी स्लिप भेजने के लिए तैयार नहीं थे. — एसपी को किया कॉल — अस्पताल प्रशासन के रवैये को देखकर पीडि़त ने मधेपुरा एसपी के मोबाइल पर कॉल कर घटना की जानकारी दी.
तत्काल एसपी के आदेश पर दो पुलिस कर्मी सदर अस्पताल पहुंचे और बयान लेने के बजाय मरीज के ठीक होने पर थाना लाकर आवेदन देने की बात कह कर चले गये.
रात करीब 10 बजे सदर अस्पताल संतोलिया देवी को लेकर सभी ग्रामीण थाना गये तो उन्हें सदर थाना पर महिला थाना जाने की फरमान सुनाया गया. — समाहरणालय गेट बना आसरा — देर रात करीब 10 बजे समाहरणालय परिसर स्थित महिला थाना पहुंचे इन महादलितों को थाना में तैनात पुलिस कर्मियों ने सुबह आने का कहा.
चारों तरफ से निराश और बैठ कर रतजग्गा करने के लिए मजबुर थे. हालांकि देर राज एसड्राइव पर निकले एसटीएससी थानाध्यक्ष एनडी निराला ने महादलितों को सदर थाना ले जा कर आवेदन थाना में जमा करवाया और महादलितों को समझा बुझा कर हसनपुर गांव पहुंचाया. लेकिन सदर थाना पुलिस मंगलवार की दोपहर तक प्राथमिकी दर्ज करने बजाय मामला एससी एसटी थाना क्षेत्र का होने बात कहते रहे. — वर्जन — यह पूरा मामला हरिजन उत्पड़ीन से जुड़ा हुआ है,
इस मामले में एससी एसटी थाना में ही प्राथमिकी दर्ज होगी. मैं आवेदन वहीं भेज देता हूं. मनीष कुमार, सदर थानाध्यक्ष, मधेपुरा.— वर्जन — डॉक्टर पिं्रस कुमार सुमन सोमवार की संध्या डियूटी पर तैनात थे.
उन्हीं के द्वारा जख्मी महिला का उपचार किया गया. पुलिस जख्म प्रतिवेदन की प्रथम रिपोर्ट क्यों नहीं भेजी गयी यह जांच का विषय है. मैं जांच करने के बाद ही कुछ बता सकूंगा.
डा अखिलेश कुमार, डीएस, सदर अस्पताल, मधेपुरा. — इनसेट — पांच बीघा जमीन का है पुराना विवाद प्रतिनिधि, मधेपुराअसुरक्षा की भावना से रतजग्गा कर रहे हसनपुर बराही निवासी बाबूजी ऋषिदेव, मुनी सादा, दीपनारायण सादा, सिताबी सादा, शिवनाथ सादा, भुलाय सादा, सुजान देवी, मिरन देवी, बेचनी देवी, रघिया देवी, सकूनी देवी, मंजू देवी, फुलमैन देवी आदि ने बताया कि प्रदीप यादव सहित अन्य महादलित समुदाय के बीच वर्षों से पांच बीघा सरकारी भूमि को लेकर विवाद चलता आ रहा है.
कुछ माह पूर्व भी विवाद वदने पर डीएम गोपाल मीणा गांव में जा कर समस्या को हल करने का प्रयास किया था. लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया. आरोपी पक्ष उसी भूमि विवाद को लेकर महादलितों को निशाने पर रखे हुए है. खौफजदा लोगों ने शंका जाहिर की अगर बिना पुलिस के गांव गये तो आरोपी फिर से मारपीट करेंगे