अस्थायी कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि मुख्य परिसर में शुक्रवार को संविदा पर नियुक्त तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने कुलसचिव कार्यालय में जमकर हंगामा किया. ये कर्मी विवि में आउटसोर्सिंग के जरिये होने वाली नियुक्ति का विरोध जता रहे थे. कर्मियों का कहना था कि अगर विवि प्रशासन को आउटसोर्सिंग पर बहाल ही करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2015 4:49 AM

मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि मुख्य परिसर में शुक्रवार को संविदा पर नियुक्त तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने कुलसचिव कार्यालय में जमकर हंगामा किया. ये कर्मी विवि में आउटसोर्सिंग के जरिये होने वाली नियुक्ति का विरोध जता रहे थे. कर्मियों का कहना था कि अगर विवि प्रशासन को आउटसोर्सिंग पर बहाल ही करना है

तो पहले 1992 से ही विवि को अपनी सेवाएं दे रहे कर्मियों का सामंजन किया जाये इसके बाद ही किसी तरह की बहाली की जाये. विवि कर्मी काफी इतने उग्र थे कि कुछ कर्मियों की तबीयत भी खराब होने लगी. कर्मियों ने साफ लहजे में कहा कि अगर उनकी सेवाओं का सामंजन नहीं किया गया तो विवि प्रशासन आरपार की लड़ाई के लिए तैयार रहे.

कुलसचिव के कक्ष में उबले कर्मी

शुक्रवार को जब अस्थायी कर्मियों ने इस मुद्दे पर बात करने कुलसचिव के कक्ष में पहुंचे तो माहौल तनावपूर्ण हो गया. कुलसचिव ने विवि के पक्ष को रखना चाहा लेकिन आउटसोर्सिंग की बात सुनते ही कर्मचारी उग्र हो गये. यहां से निकलने के बाद सभी कर्मचारी एकजुट हो कर बरामद पर एकत्रित हो गये और विवि प्रशासन पर आउटसोर्सिंग के जरिये बहाली के लिए राशि लेने का आरोप भी लगाया.

पहले सामंजन फिर कोई बात

विवि अस्थायी कर्मचारी संघ के सचिव अखिलेश्वर नारायण ने कहा कि विवि में 81 तृतीय और चतुर्थ वर्गीय अस्थायी कर्मी हैं. तृतीय वर्गीय कर्मचारियों को 9 नौ हजार 790 तथा चतुर्थ वर्गीय को 6 हजार 567 रुपये मानदेय दिया जाता है. स्थापना काल के समय 68 पद का सृजन किया गया था. इसके बाद 54 पद पीजी विभाग में सृजित किये गये. इसके अलावा 36 और पदों का भी सृजन हुआ. ये सभी पद सृजन को लेकर अधिसूचना भी जारी की गयी.

अब आउटसोर्सिंग के जरिये कर्मियों की नियुक्ति की बात की जा रही है. यहां तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी बीस साल से काम कर रहे हैं. उनके परिवार हैं बाल बच्चे हैं. लेकिन यह विवि प्रशासन संवेदनहीन है. पैसे के लिए यह कुछ भी करने पर उतारू है. कर्मचारी प्रशासनिक पदाधिकारी पर बिफरे हुए थे. उनका आरोप था कि ललित नारायण मिथिला विवि से आयातित दाधिकारी पर वहां कई गंभीर अभियोग लंबित हैं. ऐसे लोगों को ला कर विवि में बिठाने का क्या अर्थ है.

Next Article

Exit mobile version