19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मां जगदंबे करती हैं भक्तों की मुरादें पूरी

मां जगदंबे करती हैं भक्तों की मुरादें पूरी प्रतिनिधि, मुरलीगंज प्रखंड में स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर प्राचीन मंदिरों में एक है. मंदिर की स्थापना वर्ष 1888 में हुई थी. इस मंदिर की महत्ता यहां ही नही बल्कि इस कोसी क्षेत्र के सभी जिलों, प्रखंड़ों एवं गांवों में विख्यात है. जो भी माता के भक्त सच्चे […]

मां जगदंबे करती हैं भक्तों की मुरादें पूरी प्रतिनिधि, मुरलीगंज प्रखंड में स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर प्राचीन मंदिरों में एक है. मंदिर की स्थापना वर्ष 1888 में हुई थी. इस मंदिर की महत्ता यहां ही नही बल्कि इस कोसी क्षेत्र के सभी जिलों, प्रखंड़ों एवं गांवों में विख्यात है. जो भी माता के भक्त सच्चे दिल से इस मंदिर में अपनी मन की मुरादें लेकर आता है, मां जगत जननी जगदंबे उसकी मुरादें अवश्य पूरी करती हैं. कहा जाता है कि मुरलीगंज में माता का मंदिर नहीं था. कथनानुसार अष्टमी में मुरलीगंज और रहटा के पहलवानों के बीच दंगल का मुकाबला हुआ, जिसमें मुरलीगंज के पहलवानों की जीत होने के कारण रहटा के पहलवान लड़ाई करने लगे. मुरलीगंज के पहलवानों ने इस लड़ाई के कारण रहटा में स्थापित मां दुर्गा की मूर्ति को अपने साथ मुरलीगंज लेकर आ गये. माता की मूर्ति को स्थापित करने के लिए गैना लाल भगत ने अपनी जमीन दी. जिसमे झोपड़ी बनाकर माता की पूजा होती थी. एक समय मुरलीगंज में हैजा का प्रकोप हुआ, जो देहात से होते हुए बाजार में आया. बाजार में हैजा का प्रकोप फैलने लगा. हैजा के कारण बहुत सारे लोगो की मृत्यु होने लगी,उसी में एक भगत परिवार के बेटे जिसका नाम अनारचंद भगत था,उसे हैजा हुआ, उसके पिताजी ने माता से मन्नत मांगी की अगर उसके बेटे का हैजा ठीक होता है तो वो माता के लिए टिन का घर बनवायेगे. और उसके बेटे का हैजा ठीक हो गया. तब जाकर माता के लिए उन्होने टिन का घर बनवाया. मंदिर का जीणार्ेधार 1985 में पशुपति सिंह नाम के एक दरोगा ने ईंट का मकान बनवा कर किया. इस मंदिर का क्षेत्रफल 20 कट्ठा में फैला हुआ है. इस मंदिर में झूठी कसम खाने वाले की मृत्यु हो जाती हैं, इसका कई बार साक्ष्य प्रमाण मिल चुका है. मंदिर परिसर में 14 लाख में स्टेज का निर्माण कराया गया है. गेट का निर्माण 12 लाख में करवाया गया है. माता की कृपा से ओर सारे काम चल रहे है. वर्तमान में मंदिर का अध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद भगत, उपाध्यक्ष सत्यनारायण प्रसाद यादव, सचिव निशिकांत दास, लेखापाल सुरेंद्र प्रसाद यादव तथा मंदिर के संरक्षण प्रो नागेंद्र प्रसाद यादव मंदिर के देख-रेख में हमेशा तैयार रहते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें