लगातार पांचवीं बार आलमनगर का प्रतिनिधत्वि करेंगे नरेंद्र नारायण यादव
लगातार पांचवीं बार आलमनगर का प्रतिनिधित्व करेंगे नरेंद्र नारायण यादव —- आलमनगर विधान सभा क्षेत्र——प्रतिनिधि, मधेपुरा आलमनगर विधानसभा सीट पर जदयू के विधायक व बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. इनकी लोकप्रियता इसी बात से आंकी जा सकती है. महागठबंधन बनने के बाद […]
लगातार पांचवीं बार आलमनगर का प्रतिनिधित्व करेंगे नरेंद्र नारायण यादव —- आलमनगर विधान सभा क्षेत्र——प्रतिनिधि, मधेपुरा आलमनगर विधानसभा सीट पर जदयू के विधायक व बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. इनकी लोकप्रियता इसी बात से आंकी जा सकती है. महागठबंधन बनने के बाद भाजपा की लहर से यहां की राजनीति में भी परिवर्तन आया. हालांकि कई नेता राजद और जदयू छोड़ कर भाजपा में शामिल भी हुए. क्षेत्र की राजनीति में इस बदलाव से थोड़ा अंतर अवश्य दिखा. लेकिन एक लंबे अरसे से इस सीट पर जदयू के कब्जा से किसी भी अन्य दल का कड़ा मुकाबला नहीं देखा गया. इस कारण इस बार यहां चुनाव काफी दिलचस्प रहा. हालांकि 2010 के चुनाव में जदयू के नरेंद्र नारायण यादव और कांग्रेस प्रत्याशी लवली आनंद में टक्कर थी. –निर्दलीय भी देते रहे हैं टक्कर –यूं तो आलमनगर विधान सभा क्षेत्र में राजद, जदयू, लोजपा और कांग्रेस के बीच प्रमुख मुकाबला रहा है. 2010 में जदयू ने कांग्रेस को हराया. लेकिन प्रत्याशी विशेष के तौर पर कई निर्दलीय चेहरों ने भी यहां कड़ी टक्कर दी है. वर्ष 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में वर्तमान विधायक को चंदेश्वरी सिंह ने और 1995 के विस चुनाव में नरेंद्र नारायण यादव को राजेंद्र सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कड़ी टक्कर दी थी. — यदु दो, विद्याकर तीन, वीरेंद्र चार बार रहे हैं विधायक — वर्तमान विधायक नरेंद्र नारायण यादव से पहले वीरेंद्र कुमार सिंह इस विस से चार बार विधायक चुने गये हैं. 1977 से लेकर 1990 तक चुनाव में उन्होंने लगातार जीत दर्ज की. इससे पहले इस विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस का दबदबा रहा था. 1951 में हुए प्रथम विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से तनुक लाल यादव यहां से विधायक चुने गये थे. इसके बाद लगातार वर्ष 1957, 1962 , 1967, 1969 और 1972 में हुए चुनाव में आलमनगर कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में स्थापित हो गया था . यदुनंदन झा दो बार और विद्याकर कवि लगातार तीन बार विधायक बने. लेकिन 1977 के चुनाव में वीरेंद्र कुमार सिंह ने कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ते हुए जेएनपी से अपनी जीत दर्ज करायी थी. ——-विजुअल मैटर —- विधायक———-नरेंद्र नारायण यादवजीतते रहे : 1995, 2005 (दोनों चुनाव) तथा 2010 ————-2010 में 42,345 मतों के अंतर से कांग्रेस से जीते————- — कब कौन जीता, हारा —– वर्ष – जीते – हारे – 2010 – नरेंद्र नारायण यादव (जदयू) – लवली आनंद (कांग्रेस)- 2005 (अक्टूबर) – नरेंद्र नारायण यादव (जदयू) – चंदेश्वरी सिंह (लोजपा)- 2005 (फरवरी) नरेंद्र नारायण यादव (जदयू) – चंदेश्वरी सिंह (निर्दलीय)- 2000 – नरेंद्र नारायण यादव (जदयू) – राजेंद्र सिंह (राजद)- 1995 – नरेंद्र नारायण यादव (जद) – राजेंद्र सिंह (निर्दलीय)- 1990 – वीरेंद्र कुमार सिंह (जद) – राजेंद्र सिंह (सीपीआई)—- किस दल को मिले कितने वोट —- — विधानसभा चुनाव– पार्टी – 2010– 2005जदयू – 64967 — 24,808कांग्रेस- 22,622 – 14,357लोजपा 21, 612 – 8595– लोकसभा चुनाव (2010)– पार्टी — वोट राजद – 44,732जदयू- 69,141भाजपा – 49742बसपा – 3709